Breaking News

सीआईसी, आरटीआई का बजट घटा गृह और विदेश मंत्रालय का बढ़ा

खास खबर            Feb 01, 2018


मल्हार मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली।
केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) और सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के प्रचार-प्रसार के लिए बजट में 63 फीसदी से अधिक की व्यापक कटौती की गई है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार (1 फरवरी) को पेश आम बजट में ‘सीआईसी और आरटीआई’ को लेकर 8.66 करोड़ रुपए आवंटित किए, जबकि 2017-18 के लिए 23.61 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे।

इस बजट आवंटन में सीआईसी के लिए कार्यालय के भवन का निर्माण और आरटीआई अधिनियम के प्रभावी क्रियान्यन से जुड़ी सीआईसी परियोजना शामिल हैं। लोक उपक्रम चयन बोर्ड और केंद्रीय सूचना आयोग के स्थापना संबंधी खर्च के मद में 26.54 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। यह पिछले साल के आवंटन से 4.98 करोड़ रुपए कम है।

विदेश मंत्रालय के बजट में 213 करोड़ रुपए का इजाफा, नेपाल को परियोजनाओं के लिए 650 करोड़ मिलेजम्मू कश्मीर व पूर्वोत्तर में उग्रवाद विरोधी अभियानों में लगे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को 2018-19 में 20,268 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। वहीं सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लिए 17,118.64 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

आगामी वित्त वर्ष में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों का कुल आवंटन 62,741.31 करोड़ रुपए रहेगा। इन बलों में सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, असम राइफल्स व एनएसजी शामिल है। आसूचना ब्यूरो (आईबी) को 1,876.44 करोड़ रुपए, एसपीजी को 385 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
गृह मंत्रालय का बजट 10.5 प्रतिशत बढ़ा
अगले वित्त वर्ष में केंद्रीय गृह मंत्रालय के लिए 92,600 करोड़ रुपए रहने का बजटीय प्रावधान किया गया है जो कि 2017-18 की तुलना में 10.5 प्रतिशत अधिक होगा। अगले साल के बजट में पुलिस बलों के बुनियादी ढांचे में सुधार पर विशेष जोर दिया गया है। गृह मंत्रालय के बजट में दिल्ली पुलिस के लिए 6,946.28 करोड़ रुपए रखे गए हैं, जबकि भारत पाक व चीन भारत सीमाओं पर तनाव के बीच सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1,750 करोड़ रुपए दिए गए हैं। बजटीय दस्तावेजों के अनुसार गृह मंत्रालय के लिए 2018-19 में 92,679.86 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है जो कि 2017-18 के 83,823.30 करोड़ रुपए की तुलना में 10.5 प्रतिशत अधिक है।


विदेश मंत्रालय को इस बार आम बजट में 15011 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है जिसमें पिछले साल के आवंटन की तुलना में 213 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है। इस बजट में नेपाल को परियोजनाओं के लिए 650 करोड़ रुपए के आवंटन की घोषणा की गयी है। पिछले बजट में नेपाल के लिए 375 करोड़ रुपए का प्रावधान था। आवंटन की घोषणा ऐसे समय में की गयी है, जब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज नेपाल यात्रा पर हैं। वह आज नेपाल के नेताओं के साथ बातचीत के लिए काठमांडो पहुंचीं। वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा 1 फरवरी को संसद में पेश बजट में सेशेल्स के लिए भी आवंटन 200 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 300 करोड़ रुपए कर दिया गया है. ईरान में स्थित चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए बजट में पिछले साल की तरह ही 150 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।


वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम चुनाव से पहले भाजपा नीत राजग सरकार के अपने अंतिम पूर्ण बजट में गुरुवार (1 फरवरी) को एक तरफ खेतीबाड़ी, ग्रामीण बुनियादी ढांचे, सूक्ष्म एवं लधु उद्यमों तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए खजाना खोल कर आम लोगों को लुभाने का प्रयास किया, वहीं वेतन भोगी लोगों और वरिष्ठ नागरिकों को कर और निवेश में राहत देने की भी घोषणाएं की। वित्त मंत्री ने हालांकि आयकर दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया पर वेतनभोगियों के लिए 40,000 रुपए वार्षिक की मानक कटौती की जरूर घोषणा की। इससे इस वर्ग के करदाताओं को कुल मिलाकर 8,000 करोड़ रुपए का फायदा होने का अनुमान है।


लोकसभा में लगातार पांचवां बजट पेश करते हुए जेटली ने सभी कर योग्य आय पर स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया। साथ ही सामाजिक कल्याण योजनाओं के वित्त पोषण के लिये 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याण अधिभार का भी प्रस्ताव किया। उन्होंने 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों के लिये कंपनी कर 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने की भी घोषणा की।

40,000 रुपये की मानक कटौती
करीब दो घंटे (110 मिनट) के भाषण में जेटली ने हालांकि आयकर की दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन उन्होंने वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिये परिवहन एवं चिकित्सा व्यय के बदले 40,000 रुपये की मानक कटौती देने की जरूर घोषणा की। वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों के लिये बैंक जमा पर ब्याज से आय की छूट सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया। साथ ही मियादी जमाओं पर स्रोत पर कर कटौती नहीं होगी।

आयातित पैनलों, हैंडसेट पर सीमा शुल्क बढ़ाने की घोषणा, टीवी, मोबाइल फोन महंगे होंगे
वित्त मंत्री अरुण जेटली के पेश बजट में सरकार ने स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए आयातित टीवी पैनलों पर आयात शुल्क 7.5 प्रतिशत से दोगुना कर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। इससे एलसीडी-एलईडी टीवी सेट महंगे हो जाएंगे। इसके अलावा मोबाइल फोन पर भी सीमा शुल्क 15 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि एलसीडी-एलईडी-ओएलईडी टीवी के कलपुर्जों पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जा रहा है। इसका मकसद स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन देना है।

जेटली ने कहा, ‘मैं मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क को 15 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करता हूं। इसके अलावा मोबाइल फोन के कुछ कलपुर्जों और एक्सेसरीज तथा टीवी के कुछ कलपुर्जों पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करता हूं।’ उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों मसलन खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन कलपुर्जे, फुटवियर तथा फर्नीचर जैसे क्षेत्रों में घरेलू स्तर पर मूल्यवर्धन की काफी गुंजाइश है। जेटली ने कहा कि इन उपायों से देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

इनपुट एजेंसी।

 



इस खबर को शेयर करें


Comments