प्रशासनिक उपेक्षा से निराश मूक बधिर बच्चे भीख मांगने सड़क पर उतरे

खास खबर            Oct 05, 2018


मल्हार मीडिया ब्यूरो इंदौर।

मध्यप्रदेश में मूक बधिर बच्चों के साथ होने वाली दुष्कर्म की घटना ने सरकार को हिलाकर रख दिया था। पीड़ित बच्चों ने साहस जुटाकर कुछ मूक बधिर संस्थान के प्रबंधकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया, मगर सरकार और सामाजिक न्याय विभाग द्वारा पीड़ित बच्चों को कोई मदद नहीं की जा रही। प्रशासनिक उपेक्षा के शिकार हो रहे बच्चों ने आर्थिक तंगी से निपटने के लिए सड़क पर आकर भीख मांगना शुरू कर दिया है।

ज्ञातव्य है कि मूक बधिर और निशक्त बच्चे जो होस्टल में रहते हैं, उनके साथ लगातार दुष्कर्म की घटनाएं हो रही थी। मगर, सामाजिक न्याय विभाग ने अपने स्तर पर बच्चों की शिकायतों का निराकरण नहीं किया। उधर, साईं अनाथ विकलांग संस्था बैरागढ़ (भोपाल) और इसी संस्था सहित अन्य संस्था जो मालाखेड़ी और होशंगाबाद में स्थित है के बच्चों ने 7 दुष्कर्म के प्रकरण दर्ज कराएं है।

अनाथ आश्रम में बच्चों द्वारा प्रकरण दर्ज कराने के बाद संचालकों महेश प्रसाद अवस्थी और अश्विनी शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया। घटना के बाद सभी 12 पीड़ित मूक बधिर बच्चों को अनाथ आश्रम सीलकर बाहर कर दिया गया। उनकी सामाजिक न्याय विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की मदद नहीं की गई।

विभाग द्वारा पीड़ित बच्चों की मदद नहीं करने के कारण उन्हे कोर्ट पेशी पर जाने के लिए पैसे तक नहीं बचे हेै। ऐसे में बच्चों ने पिछले दो दिनों से भोपाल के बोर्ड कार्यालय चौराहा पर यौन पीडित मूक बधिर बच्चों के समूह ने लोगों से भीख मांगना शुरू कर दिया हेै ताकि वे कोर्ट में पेशी पर आने जाने के लिए धर संग्रह कर सके। मूक बधिर बच्चों के समर्थन में इंदौर के कुछ मूक बधिर बच्चों ने भी सड़क पर आकर भीख मांगने की तैयारी की है। सम्भवता आगामी सप्ताह में यौन पीडित बच्चों के लिए वे धन संग्रह करके भोपाल भेजेंगें।
प्रदेशभर के मूक बधिरों से मांगेगे सहायता

यौन पीड़ित मूक बधिर छात्र—छात्राओं की ओर से एक संगठन के कुछ पदाधिकारियों ने बताया कि इंदौर सहित प्रदेश भर में एक केंप चलाकर पीडितों को आर्थिक मदद करने के प्रयास करेंगे बल्कि पुलिस द्वारा सहयोग नहीं करने पर कानूनी मदद के लिए प्रयास करेंगे। संगठन के पदाधिकारियों ने फिलहाल खुद को गोपनीय रखकर कार्य करने का ऐलान किया है ताकि वे पीडितों की मदद में कोई बाधा ना आ सकें।

भोपाल, होशंगाबाद की घटना के बाद सरकार ने पूरे प्रदेश में संचालित मूक बधिर संस्थाओं में रहने वाले बच्चों से वन टू वन करने के निर्देश जिले के सभी अधिकारियों को दिए थे। इधर, इंदौर जिले के सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों ने शहर के किसी भी ऐसे मूक बधिर सस्था का निरीक्षण नहीं किया जहां ऐसे बच्चे रहते है। संस्थानों में जब निरीक्षण ही नहीं हुआ तो बच्चों की पीडा और उन पर होने वाले अत्याचारों की सुनवाई कौन करेंगा यह सवाल उठ खडा हुआ है।

 



इस खबर को शेयर करें


Comments