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माननीयों की गुणित में बढ़ती संपत्ति और बेहाल बुंदेली किसान

खास खबर            Sep 14, 2017


छतरपुर से धीरज चतुर्वेदी।
वाकई ये जादुई छडी का ही कमाल होगा कि सांसदों की संपत्ति चार गुना की दर से बढती जा रही है। दूसरी ओर बुंदेलखंड में गरीब और किसान एक वक्त की रोटी के लिये जूझ रहा है। सबसे आश्चर्यजनक है कि सांसदो की दस्तावेजो में कमाई हजारो में है, वहीं उनकी संपत्ति लाखों में गुणित होकर करोडो में पंहुच गई है।

विधायकों और सांसदों पर सर्वोच्च न्यायालय ने तल्ख रूख दिखाया है। वाजिब सवाल है कि जनता के सेवक समझे जाने वाले किस कदर करोडो के मालिक होते जा रहे है? विकास के लिये चाहे जादू की छडी ना हो लेकिन विधायकों और सांसदों के पास वो छडी है जो करोडो की संपत्ति जुटाने के लिये जादू का काम करती है।

मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड के तीन सांसदों के निर्वाचन आयोग में प्रस्तुत हलफनामे खंगाले गये तो चौंका देने वाले तथ्य सामने आये। हाल ही में मोदी टीम का हिस्सा बने महिला बाल विकास मंत्री बने वीरेन्द्र खटीक टीकमगढ से सांसद है,वे लगातार पांच बार से सांसद है। तीन मर्तबा सागर से तो पिछले दो बार से टीकमगढ से चुने गये है। वर्ष 2004 में वीरेन्द्र खटीक की संपत्ति निर्वाचन आयोग में पेश शपथ पत्र के अनुसार 14 लाख 29 हजार 786 रूपये थी। जो पांच साल बाद लोकसभा चुनाव वर्ष 2009 में बढकर 25 लाख 51 हजार 466 रूपये हो गई।

फिर पांच साल बाद यानि वर्ष 2014 में यह तीन गुना वृ़िद्ध करती हुई 87 लाख 64 हजार 635 रूपये जा पंहुची। आयकर विभाग में प्रस्तुत विवरणी के अनुसार वीरेन्द्र खटीक ने वर्ष 2012-13 में स्वयं की 7 लाख 62 हजार 132 और पत्नी की 1 लाख 99 हजार रूपये आय बताई है। वीरेन्द्र खटीक के परिवार के पास 33 लाख 61 हजार 635 रूपये की चल संपत्ति है। वहीं स्वयं व पत्नी के नाम से 54 लाख 3 हजार रूपये की अचल संपत्ति है।

दमोह से सांसद प्रहलाद पटेल का लोकसभा चुनाव वर्ष 2014 मे प्रस्तुत शपथ पत्र तो विवादो में पड सकता है। आयकर विभाग में पेश विवरणी 2013-14 के अनुसार उनकी व पत्नी की प्रतिमाह आय मात्र 19 हजार 847 रूपये है। दूसरी ओर उन्होने वर्ष 2009 से 2014 के बीच पांच साल में लगभग छह गुना संपत्ति अर्जित कर ली।

आखिर ये कैसे हुआ इसका जबाब तो प्रहलाद पटेल ही दे सकते है। वर्ष 2009 लोकसभा चुनाव समय उनके शपथ पत्र अनुसार उनकी कुल संपत्ति 55 लाख 78 हजार 123 रूपये थी। वर्ष 2014 में उनके ही शपथ पत्र अनुसार संपत्ति 3 करोड 95 लाख 86 हजार 235 रूपये हो गई। देयताए यानि ़ऋण की बात की जाये तो प्रहलाद पटेल पर वर्ष 2009 में 10 लाख 42 हजार 999 रूपये का कर्ज था। जो 2014 में बढकर 1 करोड 24 लाख 29 हजार 402 रूपये पंहुच गया। सबसे अधिक चैकाने वाला है कि प्रहलाद पटेल पर तो मात्र 90 हजार 864 रूपये का ऋण है। वहीं उनकी पत्नी पर 1 करोड 23 लाख 38 हजार 438 रूपये का कर्ज है। पत्नी की प्रतिमाह आय देखी जाये तो मात्र 8 हजार 364 रूपये प्रतिवर्ष है।

आमतौर पर तो बैंको में आपकी आय के अनुसार ही ऋण दिया जाता है। इधर सांसद की पत्नी की आय प्रतिवर्ष 10 हजार का आंकडा पार नही कर पा रही है। वहीं बैकों की मेहरबानियां कि उन्हे करोडो रूपये का ऋण दे दिया गया।

बुंदेलखंड के खजुराहो क्षेत्र से सांसद नागेन्द्र सिंह भी उन मान्नीयो में से है छह साल में तीन गुना संपत्ति बढ गई। नागेन्द्र सिंह 2008 में सतना जिले के नागौद विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुये थे। प्रदेश की शिवराज सरकार में वे लोकनिर्माण मंत्री रहे। वर्ष 2013 में उनका विधानसभा में टिकिट कट गया पर लोकसभा चुनाव उन्हे लडवाया गया। नागेन्द्रसिंह और उनकी पत्नी की आयकर विवरणी 2013-14 के अनुसार आय 10 लाख 52 हजार 283 रूपये है।

वर्ष 2008 में विधानसभा चुनाव के समय उन्होने अपनी संपत्ति की कीमत 1 करोड 31 लाख 66 हजार 120 रूपये घोषित की थी। वर्ष 2014 में उनके पास 4 करोड 45 लाख 38 हजार 2 रूपये की संपत्ति हो गई। यह उन शपथपत्रों की सच्चाई है जो सांसद ने निर्वाचन आयोग में पेश किया जिसमें संपत्ति को तीन गुना करने में कोई कम नही है। दूसरी ओर बुंदेलखंड का वो किसान है जो फसल खराब होने से या तो मौत को गले लगा रहा है या अपनी संपत्ति बेचने को मजबूर है।

 



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