मतगणना के पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने किया अलर्ट जारी,जताई हिंसा की आशंका

खास खबर            May 22, 2019


मल्हार मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली।
लोकसभा चुनाव की मतगणना से एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय हिंसा की आशंका जताते हुए सभी राज्यों के मुख्य सचिव, और पुलिस महानिदेशकों को अलर्ट किया जारी किया है। गृह मंत्रालय को हिंसा का डर है।

सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को किसी भी आपातस्थित से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। बयान में कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को कल मतगणना के सिलसिले में देश के अलग -अलग हिस्सों में हिंसा भड़कने की आशंका के संबंध में अलर्ट किया है।

मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को साथ ही यह भी कहा गया है कि वे स्ट्रांग रुम और मतगणना स्थलों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाये। इसमें कहा गया है कि यह विभिन्न पक्षों की ओर से मतगणना वाले दिन हिंसा भड़काने और बाधा उत्पन्न करने के लिए किये गए आह्वान और दिये गए बयानों के संबंध में किया गया है।

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली है कि कुछ संगठन और व्यक्तियों ने, विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और त्रिपुरा में, कुछ बयान दिये हैं जिससे हिंसा उत्पन्न होने की आशंका है और इससे मतगणना प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती है।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के मतों की गिनती गुरुवार को होनी है। ज्ञात रहे कि ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर विपक्षी पार्टियां चुनाव खत्म होने के बाद से ही केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही हैं।

किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचने के लिए विपक्षी दलों ने मतगणना से पहले चुनाव आयोग से VVPAT-EVM का मिलान करने की मांग की थी। मंगलवार को 22 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से यह मांग की थी।

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले विपक्ष की VVPAT-EVM का मिलान पहले करने की मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है। ईवीएम एवं वीवीपीएटी के मुद्दे पर कांग्रेस, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस सहित 22 प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने मंगलवार को चुनाव आयोग का रुख किया और उससे यह आग्रह किया था कि मतगणना से पहले चुनिंदा मतदान केंद्रों पर वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान किया जाए।

विपक्षी दलों ने यह भी कहा था कि यदि किसी एक मतदान केंद्र पर भी वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान सही नहीं पाया जाता तो संबंधित विधानसभा क्षेत्र में सभी वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की जाए।

 

 



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