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संघ वालों के लिए बदले जा रहे संविदा के नियम?

खास खबर            Sep 15, 2017


हेमंत पाल।
सरकारी विभागों में अभी तक सेवानिवृत्त लोगों को ही संविदा आधार पर नियुक्तियां मिलती थीं। लेकिन, अब ऐसे नियम बनाए जा रहे हैं, जिनके लागू होने पर किसी बाहरी व्यक्ति को उपकृत करने के लिए भी संविदा नियुक्ति दी जा सकती है। ये भी जरुरी नहीं कि जहाँ उसे नियुक्त किया गया हो, वो उस काम को जानता भी हो। कयास लगाए जा रहे हैं कि ये कवायद संघी विचारधारा के लोगों को सरकारी कामकाज में सीधे दखल देने के लिए तो नहीं की जा रही? इसे इस तरह भी समझा जा सकता है कि अब किसी परचून की दुकान वाले को भी राजस्व या आबकारी का काम सौंपा जा सकता है, बशर्ते वो सरकार या भाजपा खेमे का प्रिय पात्र है।

मध्यप्रदेश सरकार में अब संविदा नियुक्तियों के लिए अब नये नियम-कायदे जल्दी लागू होने वाले हैं। अभी तक इसके लिए कोई नियम नहीं थे, इसलिए हर विभाग मनमर्जी से संविदा नियुक्तियां कर लेता था। सामान्य प्रशासन विभाग ने 2011 में संविदा नियुक्तियों के लिए नियम जारी किए थे। लेकिन, उसके बाद हर विभाग ने अपनी सुविधा से नियम बना लिए। बाद में यही सब विवाद का कारण भी बनते गए। लेकिन, अब नए नियम-कायदों की फाइल लगभग तैयार है।

ख़ास बात ये कि ये सब ताबड़तोड़ किया गया। सामान्य प्रशासन विभाग और स्टेट पीएससी इस काम में 'इलेक्शन अर्जेंट' की तरह लगा है। इस फाइल को वित्त और विधि विभाग की सहमति के बाद कैबिनेट में रखा जाएगा। नए नियमों में सबसे बड़ा पेंच ये है कि अब किसी गैर-सरकारी को भी जगह खाली होने पर संविदा आधार पर नियुक्त किया जा सकेगा। ये गैर-सरकारी कौन होंगे, इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। ये भी समझा जा रहा है कि इस बहाने संघ से जुड़े लोगों को सरकारी कामकाज में दखल का मौका मिल सकता है।

सरकारी विभागों में प्रमोशन रुके हुए हैं, क्योंकि आरक्षण का झमेला है। नियमित पदों पर भी भर्तियां रुकी हैं। यही कारण है कि सरकार के अधिकांश विभागों में संविदा से ही काम चलाया जा रहा है। अब सिविल सेवाओं में भी संविदा भर्तियों की तैयारी की जा रहीं हैं। हाल ही में कैबिनेट ने राजस्व विभाग को सेवानिवृत्त तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को संविदा नियुक्ति पर रखने के लिए मंजूरी दी है। हर कैबिनेट बैठक में एक-दो अधिकारियों की संविदा नियुक्ति के प्रस्ताव आते हैं।

नए संविदा नियमों का मसौदा तैयार है। उच्च स्तर पर इसकी समीक्षा जारी है। जल्द ही प्रदेश में ये नियम लागू कर दिए जाएंगे। इस कामकाज से जुड़े अधिकारियों मुताबिक संविदा नियुक्तियां तभी की जाएंगी जब नियमित पद खाली हो और कैडर से कोई योग्य व्यक्ति न मिल रहा हो। लेकिन, बाहर से जिसे भी लिया जाएगा उसे संबंधित पद की अहर्ताएं पूरी करना होंगी। कैबिनेट से मंजूरी के बाद नियम लागू होंगे और विभिन्न विभागों ने जो नियम बनाए हैं, वे निष्प्रभावी हो जाएंगे।

 



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