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क्या आपने कभी किसी हिन्दी अखबार में ऐसी खबर पढ़ी?

मीडिया            Jun 08, 2018


संजय कुमार सिंह।
कोलकाता के अंग्रेजी दैनिक टेलीग्राफ की एक खबर का हिन्दी अनुवाद पेश है। कमेंट बॉक्स में मूल अंग्रेजी की खबर का भी लिंक है। आप इसे हिन्दी या अंग्रेजी में पढ़िए और फिर हिन्दी के दो अखबारों की खबरों का लिंक देखिए।

सीबीएसई की परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने के मुद्दे पर अंग्रेजी अखबार की खबर का तेवर देखिए और हिन्दी अखबार की लचर खबर को समझिए। हिन्दी-हिन्दी करने वाले इसके कारणों पर कभी चर्चा करेंगे?

“सीबीएसई लीक? पुट योर फिंगर ऑन योर लिप्स” (सीबीएसई लीक पर बात करनी है? मुंह बंद रखें) शीर्षक खबर में कहा गया है कि देश के सर्वोच्च स्कूल शिक्षा अधिकारी, अनिल स्वरूप ने सोमवार को यहां एक बैठक में बिड़ला हाई स्कूल की डायरेक्टर मुक्ता नैन को चार बार बोलने से रोका। वे हाल के सीबीएसई प्रश्न पत्र लीक मामले में बोलना चाहती थीं और जानने की कोशिश की कि इस मामले में क्या बोर्ड के अधिकारी शामिल हैं।

मर्चेन्ट्स चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय स्कूल शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप अपनी कुर्सी पर सीधे खड़े हो गए और कहा, "सुनिए मैडम, जब आप मीडिया के समक्ष बोलें तो तथ्यों का बयान करने से पहले उन्हें जान लेना चाहिए।”

अनिल स्वरूप कलकत्ता के स्कूलों के शिक्षकों और प्रमुखों से मिल रहे थे जिसका मकसद था, "भारत में एक मजबूत, वाजिब, भरोसेमंद औऱ छात्र अनुकूल लोक परीक्षा प्रणाली तैयार करना।"

सीबीएसई ने मार्च में कक्षा 10 के गणित और कक्षा 12 के अर्थशास्त्र के पर्चे लीक होने की बात स्वीकार की थी। और इकनोमिक्स की परीक्षा दोबारा आयोजित की थी। मुक्ता नैन ने यही मामला उठाया जो अनिल स्वरूप को अच्छा नहीं लगा। असल में जब यह विवाद चरम पर था तो उन्होंने जोखिम उठाकर भी सीबीएसई की चेयरपर्सन अनिता करवल का बचाव किया था।

स्वरूप ने नैन को उनके वाक्य के बीच में रोक दिया। उन्होंने कहा, "जब आपके जैसी कोई वरिष्ठ हस्ती कोई बयान देती है, आपको तथ्यों की जांच करनी चाहिए .... जब तक आप तथ्यों को लेकर निश्चित नहीं हैं बयान न दें।"

मुक्ता नैन ने फिर कहना शुरू किया, "हर साल प्रश्न पत्रों के दो तीन सेट बनाए जाते हैं। इस साल केवल एक ....।"

स्वरूप ने बीच में रोका, "मैडम, फिर तथ्यात्मक रूप से गलत।" इसपर नैन ने कहा कि उनकी टिप्पणी मीडिया रपटों पर आधारित है। स्वरूप ने कहा, "नहीं, नहीं ... आप प्रेस (के आधार पर) रिपोर्ट क्यों कर रही हैं। देश के एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में आपको तथ्यों को यहां बयान करने से पहले उनकी जांच करनी चाहिए।"

इसपर नैन ने दोहराया कि मीडिया में प्रश्नपत्रों का एक ही सेट छपने की खबर थी और आगे कहा कि, "(इसकी पुष्टि के लिए) भले ही मैं आपसे नहीं मिली .....।"

इसपर स्वरूप ने कहा, "मैडम, तथ्यों की पुष्टि के लिए आपको मुझसे मिलने की जरूरत नहीं है।" आपको बस इतना करना है कि तथ्यों को समझने के लिए थोड़ा प्रयास करना है। किसी प्रतिष्ठावाले संस्थान की डायरेक्टर से यह उम्मीद नहीं की जाती है कि वे जहां तक तथ्यों का संबंध हो किसी और का उल्लेख करे।

नैन ने दोहराया कि वे वही कह रही हैं जो मीडिया ने रिपोर्ट की है। स्वरूप ने कहा, "हम आपसे सुनना चाहेंगे (कि आप खुद क्या सोचती हैं)।"

नैन मान गईं और एक राष्ट्रीय स्कूल बोर्ड की संभावना पर चर्चा करने लगीं। बाद में उन्होंने टेलीग्राफ से कहा, "मैंने यह सब (लीक के बारे में) कहा क्योंकि एक संस्थान के प्रमुख के रूप में मैंने छात्रों की परेशानी को समझा है।"

स्वरूप ने अपने भाषण में यह कहकर नैन का जवाब देने की कोशिश की थी कि पुलिस की जांच से यह खुलासा हुआ था कि "लीक में सीबीएसई से कोई शामिल नहीं था।" (यह जानकारी पुलिस की है। और शिक्षा सचिव इसपर यकीन कर रहे हैं। इसका हवाला दे रहे हैं। अपनी या शिक्षा विभाग की जांच की बात नहीं कर रहे हैं। हालांकि इसकी चर्चा अखबार ने नहीं की है)।

चैम्बर के वाइस प्रेसिडेंट विशाल झझारिया ने अपने स्वागत भाषण में प्रश्नपत्र लीक का उल्लेख किया था। राम कृष्ण मिशन संचालन समिति के सदस्य स्वामी मुक्तिनंद ने भी नैन के बोलने से पहले प्रश्न पत्र लीक की चर्चा की थी।

और फोटो तो लाजवाब है ही।

संजय चट्टोपाध्याय की तस्वीर - बिड़ला हाई स्कूल की डायरेक्टर मुक्ता नैन कोलकाता में सीबीएसई पेपर लीक के बारे में बोलना चाह रही थीं तो केंद्रीय स्कूल शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप ने रोकने की कोशिश की।

 



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