अगर पत्रकार हैं तो मर्ग का असली अर्थ जान लीजिए

मीडिया            Feb 23, 2019


हर्षवर्धन प्रकाश।
अगर आप पत्रकार हैं और ख़ासकर मध्यप्रदेश में काम करते हैं, तो अपराध की ख़बरों के सिलसिले में आपका साबका इस शब्द से कभी न कभी ज़रूर पड़ा होगा-"मर्ग"।

पुलिस ने मर्ग कायम किया। यह प्रयोग प्रिंट मीडिया में आम चलन में है। लेकिन थोड़ा मुश्किल होने के कारण आम पाठक के सिर के ऊपर से निकल जाता है।

इस बारे में पुलिस के एक आला अफ़सर से बात हो रही थी जो साहित्य प्रेमी हैं और मुझ पर बड़ा स्नेह रखते हैं।

उन्होंने जो बताया, उसके मुताबिक थाने में मर्ग कायम किये जाने का सीधा-सा मतलब यह है कि किसी व्यक्ति की मौत की सूचना को पुलिस के रिकॉर्ड में शुरूआती तौर पर दर्ज करना।

पुलिस की जांच में अगर मामला आपराधिक निकले, तो मर्ग प्राथमिकी यानी एफआईआर में बदल जाता है। वरना मर्ग की फाइल बंद हो जाती है।

अब चूंकि जिज्ञासा ज़ोर मार ही रही थी, तो मुहम्मद मुस्तफ़ा ख़ाँ "मद्दाह" का उर्दू-हिन्दी शब्दकोश भी बांच लिया।

इसके मुताबिक "मर्ग" फारसी ज़ुबान का शब्द है जिसका अर्थ होता है-"मृत्यु, मरण, मौत।

लिहाज़ा मर्ग कायम करना यानी मौत की प्राथमिक सूचना दर्ज करना।

फेसबुक वॉल से

 



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