आधी दुनियां की पूरी पत्रकारिता का विमोचन, वक्ता बोले मीडिया के फलक में चुनौति,मीडिया ने चुनाव आयोग की साख बचाई

मीडिया            May 29, 2019


मल्हार मीडिया भोपाल।
हिन्दी पत्रकारिता दिवस 30 मई की पूर्व बेला में पत्रकारिता से जुड़े दो महत्वपूर्ण विषयों पर माधवराव सप्रे स्मृति समाचारपत्र संग्रहालय में व्याख्यान हुए। इनमें पहला व्याख्यान 'समकालीन पत्रकारिता की चुनौतियां' विषय पर राज्यसभा के उपसभापति श्री हरिवंश का रहा तथा मध्यप्रदेश कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ओ.पी. रावत ने 'चुनाव और मीडिया : साख का सवाल' विषय पर दूसरा व्याख्यान दिया। इस अवसर पर डा. मंगला अनुजा के शोध ग्रंथ 'आधी दुनिया की पूरी पत्रकारिता' का विमोचन भी हुआ।

'समकालीन पत्रकारिता की चुनौतियां' विषय पर श्री हरिवंश की राय थी कि सातवें दशक तक प्रिंट मीडिया का ही दौर था लेकिन जब से सोशल मीडिया जैसे दूसरे माध्यमों ने प्रवेश किया है पत्रकारिता की चुनौतियां बढ़ती ही चली गई हैं।

उन्होंने बकायदा आंकड़ों के जरिए फेस बुक, वॉट्स अप, इंस्टाग्राम जैसे माध्यमों के यूजर्स की संख्या बताते हुए कहा कि यह सब जीडीपी का एक प्रतिशत हैं। चुनौतियां इसी के बीच से खड़ी हो रहीं हैं।

उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती तो यही है कि इनसे निपटने के लिए सरकार के पास कोई उपाय नहीं है। नतीजतन सूचनाओं का अंबार तो है लेकिन उसकी विश्वसनीयता नहीं है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में पूंजी का प्रवेश भी एक बड़ी चिंता का विषय है।

बाजारवाद ने 'विचार' को पीछे धकेला है। कभी पत्रकारिता जुनून होती थी। इसमें आदर्श और मूल्यों का स्थान होता था, आज यह लगभग अप्रासंगिक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए मालिक या पत्रकारों को दोष देना ठीक नहीं। बाजार की विवशताएं इनके साथ भी हैं। हरिवंश ने तकनीक बदलाव को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।

मीडिया ने ही बचाई चुनाव आयोग की साख

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओ.पी. रावत ने 'चुनाव और मीडिया : साख का सवाल' विषय पर विचार रखते हुए कहा कि भारत के चुनाव आयोग की प्रतिष्ठा दूसरे देशों में भी है। इसमें भारतीय मीडिया की बड़ी भूमिका कही जा सकती है।

जब पत्रकार चुनाव आयोग की छोटी-छोटी गलतियां सामने लाता है तो आयोग सतर्क रहता है। इससे उसकी छवि बनी रहती है। अपने इस कथन के समर्थन में उन्होंने हाल के चुनावों में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए पिछले कई उदाहरणों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के पास अपार शक्ति है इसका यदि सही तरीके से उपयोग किया जाए तो उसकी निष्पक्षता पर सवाल ही नहीं उठ सकते हैं।

श्री रावत ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर उठने वाली शंकाओं पर अपने कार्यकाल का उदाहरण देते हुए बताया कि त्रिपुरा के चुनावों में आयोग वहां पर पुरानी मशीनों का ही उपयोग कर रहा था इस पर विपक्षी दल की आपत्ति थी कि यह मशीनें पिछले कई चुनावों से एक ही सरकार को चुन रही हैं।

लेकिन आयोग ने दृढ़ता का परिचय देते हुए उन्हीं मशीनों से चुनाव कराये, नतीजे में वर्षों पुरानी सरकार का तख्ता पलट गया। आयोग के इस निर्णय ने ईवीएम की विश्वसनीयता में और भी वृद्धि की। श्री रावत ने विश्वास जताया कि मीडिया के सहयोग से चुनाव आयोग की साख सालों-साल बनी रहेगी।

संग्रहालय के संस्थापक-संयोजक विजयदत्त श्रीधर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि दोनों ही सम्माननीय अतिथियों का संग्रहालय से गहरा नाता रहा है। आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कभी पत्रकारिता संघर्ष और साधनहीनता के बीच होती थी जिससे उसकी एक साख थी आज यह प्रभावित हुई है। संग्रहालय इस तरह के आयोजनों के जरिए मीडिया की उसी साख को पुन: स्थापित करने के लिए प्रयासरत है।

‘आधी दुनिया की पूरी पत्रकारिता‘ पुस्तक पर टिप्पणी करते हुए डा. अल्पना त्रिवेदी ने कहा कि - इस पुस्तक में लेखिका ने महिला पत्रकारिता के सभी पहलुओं का सूक्ष्मता से चित्रण किया है। इसमें ऐनीबेसेंट से लेकर वर्तमान दौर की महिला पत्रकारों की रचनात्मकता और संघर्ष का समावेश है। यह ग्रंथ शोधार्थियों के लिए तो लाभकारी है ही पाठकों के लिए भी उपयोगी साबित होगा।

लेखकीय वक्तव्य देते हुए डा. मंगला अनुजा ने कहा कि इसे तैयार करने के दौरान भारतेंदु युग से लेकर वर्तमान समय की पत्रिकाओं का अध्ययन किया, जिस आधार पर यह शोध ग्रंथ तैयार किया है। विश्वास है कि यह शोधार्थियों तथा नए पत्रकारों के लिए उपयोगी साबित होगा। कार्यक्रम का संचालन ‘मल्हार मीडिया‘ की संपादक ममता यादव ने किया।

आरंभ में संग्रहालय की ओर से अध्यक्ष राजेन्द्र हरदेनिया एवं श्री राकेश दीक्षित ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक तिवारी, हिन्दी सेवी कैलाशचन्द्र पंत, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व महानिदेशक अरविंद चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार चंद्रकांत नायडू, कांग्रेस विधायक दल के स्थायी सचिव किशन पंत, साहित्यकार युगेश शर्मा सहित अन्य प्रबुद्धजन मौजूद थे।

 



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