मल्हार मीडिया ब्यूरो।
राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश की जारी प्रक्रिया में अगर बोलियां न्यूनतम सीमा मूल्य या एयरलाइन के अनुमानित मूल्य से कम होती है तो सरकार इसमें अपनी हिस्सेदारी नहीं बेचेगी। नागरिक विमानन सचिव राजीव नारायण चौबे ने कहा कि सरकार ने एसेट एंड एंटरप्राइज वैल्यूअर की सेवाएं ली है, जिन्होंने वर्तमान विनिवेश मानदंडों के तहत एयर इंडिया के न्यूनतम मूल्य का अनुमान लगाया है।
चौबे के मुताबिक, किसी भी निविदा प्रक्रिया की तरह ही फ्लोर कीमत से ऊपर की निविदा को ही योग्य बोलियों में शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा, "अगर बोलियों का मूल्य अपर्याप्त पाया जाता है तो सरकार के पास एयर इंडिया को बेचने या नहीं बेचने का अधिकार है।"
हालांकि नागरिक विमानन सचिव ने कहा कि सरकार को इसका बढ़िया प्रतिसाद मिलने की उम्मीद है।
उम्मीद की जाती है कि सरकार अगस्त के अंत तक सबसे ऊंचे बोलीदाता का चयन कर लेगी।
सबसे ऊंची बोली लगानेवाले को भी सुरक्षा मंजूरी और पर्याप्त स्वामित्व जैसे नियामक आवश्यकताओं को पूरा करने की जरूरत होगी, जिसमें प्रभावी नियंत्रण भारतीय नागरिक के पास होनी चाहिए।
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