Breaking News

जलवायु वार्ता - विकासशील देशों को धन देने पर विवाद कायम

राष्ट्रीय            Nov 18, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

दो सप्ताह तक चलने वाला संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन वार्ता दिशाहीन नतीजों के साथ शुक्रवार को समापन पर पहुंची। अक्षय ऊर्जा की तरफ सुचारु ढंग से बढ़ने के मद्देनजर विकसित देशों की ओर से विकासशील देशों को धन प्रदान करने के मसले पर जलवायु विशेषज्ञों के बीच अभी भी विवाद बना हुआ है।

विकासशील देशों के एक प्रतिनिधि वार्ताकार ने बताया कि, "बड़ा सवाल है कि पेरिस जलवायु समझौते के तहत धनी देशों की ओर से कितना पैसा गरीब देशों को दिया जाएगा। इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण समय है, कब दिया जाएगा।"

उन्होंने बताया कि ये सब मूल प्रश्न हैं जिनको लेकर 197 देशों के वार्ताकार उलझे हुए हैं और सम्मेलन समाप्त होने जा रहा है।

वाशिंगटन स्थित वर्ल्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट के सस्टेनेबल फायनेंस सेंटर में क्लाइमेट फायनेंस एसोसिएट निरंजली मनेल अमेरासिंघे ने आईएएनएस को बताया, "विकसित देश पहले ही 2020 विकासशील देशों को 100 अरब डॉलर सालाना देने को सहमत हो चुके थे। यह धन विकासशील देशों को निम्न कार्बन उत्सर्जन प्रौद्योगिकी अपनाने और जलवायु असर के लिए उनको तैयार करने में मदद के लिए देने की बात थी। "

भारत समेत विकासशील देशों के लिए 2020 के पहले की जलवायु कार्ययोजना को लेकर एक बड़ी उपलब्धि की बात यह थी कि दुनिया के विकसित देश बाद के दो वर्षो में भी इस विषय पर बातचीत को राजी थे।

भारत पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि विकासशील देशों को वित्तीय मदद, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण सहायता प्रदान करने के प्रावधान संकटपूर्ण हैं।

जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में गुरुवार को मंत्रियों की उच्चस्तरीय बैठक में उन्होंने कहा, "हमें कार्रवाई करने के लिए हमेशा वैज्ञानिक रिपोर्ट की प्रतीक्षा करने की जरूरत नहीं है। "

उन्होंने कहा कि सदी के अंत तक वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी को दो डिग्री सेंटीग्रेड तक सीमित रखने के लिए क्योटो प्रोटोकॉल के तहत विकसित देशों की ओर से 2020 के पहले अतिरिक्त व प्रारंभिक कार्य-योजना और विकासशील देशों को वित्तीय मदद, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण सहायता प्रदान करने के प्रावधान संकटपूर्ण स्थिति में हैं।

भारत सम्मेलन के पहले दिन 6 नवंबर से ही 2020 के पूर्व की जलवायु कार्य-योजना को वार्ता के औपचारिक एजेंडा में शामिल करने की मांग कर रहा था।



इस खबर को शेयर करें


Comments