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गोलीबारी के दौरान भी कश्मीरी आंतकी कर सकते हैं आत्मसमर्पण

राष्ट्रीय            Oct 16, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने सोमवार को कहा कि स्थानीय आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी के दौरान भी आतंकियों का आत्मसमर्पण स्वीकार किया जाएगा। सेना और सीआरपीएफ के अधिकारियों के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए पुलिस महानिरीक्षक मुनीर खान ने कहा, "हम स्थानीय आतंकियों से फिर से आत्मसमर्पण और एक सामान्य जिंदगी शुरू करने की अपील करते हैं। हमारा उन स्थानीय आतंकियों को पूरा समर्थन होगा जो हथियार त्यागना चाहते हैं।"

उन्होंने कहा, "अगर वो मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण करते हैं, तो हम उनके आत्मसमर्पण को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।"

पुलिस महानिरीक्षक ने आतंकवाद से लड़ने और आतंकियों से संबंधित मामलों के जल्द निपटारे में सुरक्षा बलों द्वारा की गई प्रगति का ब्योरा सार्वजनिक किया।

उन्होंने शनिवार को कहा कि अनंतनाग जिले के काजीगुंड में एक वीआईपी के गार्ड से हथियार छीनने की कोशिश करने वाले दो मोटरसाइकिल सवार लश्कर के आतंकियों को सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार किया है।

उन्होंने कहा, "सुरक्षा बलों ने 28 सितम्बर को सड़क एवं भवन मंत्री के त्राल कस्बे से गुजरने के तुरंत बाद ग्रेनेड फेंकने वाले शख्स गुलजार अहमद दार को गिरफ्तार किया था।" उस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई थी और 30 अन्य लोग घायल हुए थे।

गिरफ्तार आतंकवादी गुलजार अहमद दार का संबंध जैश-ए-मोहम्मद से है। उसने 5 दिसंबर, 2014 को भी त्राल में एक ग्रेनेड फेंका था ,जिसमें पांच नागरिक मारे गए थे।

अधिकारी ने हिजबुल के आतंकवादियों पर मरहमा (अनंतनाग) और शोपियां में बैंक डकैतियों को अंजाम देने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, "हिजबुल मुजाहिदीन ने बैंक डकैतियों में किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया है, लेकिन बैंक शाखाओं के सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से हिजबुल आतंकवादियों के डकैतियों में शामिल होने के सबूत मिले हैं।"

कश्मीर घाटी में महिलाओं की चोटी काटने की घटनाओं पर सवाल पूछे जाने पर खान ने कहा, "वैज्ञानिक सबूत जुटाए जा रहे हैं लेकिन लोग आम तौर पर इन घटनाओं की जांच के दौरान पुलिस के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं।"



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