राहुल नेशनल हेराल्ड जांच के कारण मोदी पर निशाना साध रहे : प्रसाद

राष्ट्रीय            Aug 14, 2018


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा कि वह नेशनल हेराल्ड मामले में उनके खिलाफ आयकर विभाग की जांच से बचने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के खिलाफ राफेल मामले में झूठ फैला रहे हैं। यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राफेल सौदा दो सरकारों के प्रमुखों के बीच पूरी पारदर्शिता और इमानदारी के साथ लागू किया गया था। साथ ही इसकी कीमत संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान तय की गई कीमत से नौ प्रतिशत कम है।

उन्होंने कहा, "देश को यह बात पता होनी चाहिए कि कैसे केवल 50 लाख रुपये स्थांतरित कर, कांग्रेस ने 90 करोड़ रुपये के पूरे ऋण को यंग इंडिया को स्थांतरित कर दिया, जो कि सोनियाजी और राहुल गांधीजी की स्वामित्व वाली कंपनी है।"

उन्होंने कहा, "और इस प्रक्रिया से एसोसिएट जर्नल की पूरी संपत्ति यंग इंडिया कंपनी के पास दोबारा आग गई, जो कि दो लोगों की कंपनी है। बाकी संपत्ति थोड़े शेयरधारकों के पास पहुंची।"

भाजपा नेता ने कहा कि राहुल गांधी के आरोप लगाने की वास्तविक वजह है कि आयकर विभाग नेशनल हेराल्ड और यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बीच 2011-12 में लेन-देन मामले की दोबारा जांच करना चाहता है।

उन्होंने कहा, "अगर राहुल गांधी को लगता है कि भ्रष्टाचार पर मोदी और सरकार पर आरोप लगाने से, उनके विरुद्ध कार्रवाई से वह बच जाएंगे, तो वह गलत हैं। ऐसा नहीं होने वाला है।"

प्रसाद ने कहा, "10 वर्षो तक आपके रक्षामंत्री सदन में लगातार यह कहते रहे कि गुप्त हथियार अधिग्रहण का खुलासा राष्ट्रहित व देश हित में नहीं किया जा सकता। आप इससे इंकार नहीं कर सकते। उसके बाद भी आप वही झूठ दोहरा रहे हैं। यह गैर जिम्मेदार और देश हित के खिलाफ है। आप अपने प्रोपोगंडा के लिए कबतक राष्ट्रहित को दरकिनार करते रहेंगे।"

 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने सोमवार को कहा कि बीजू जनता दल बीजद और भारतीय जनता पार्टी भाजपा के बीच मैच-फिक्सिंग हो चुका है।

शर्मा ने कहा, "यह बीजद और भाजपा के बीच मैच-फिक्सिंग है, वर्ना बीजद क्यों भाजपा के हर गलत निर्णय का समर्थन करता। वे एक-दूसरे का समर्थन कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि चूंकि भाजपा केंद्र में सरकार बनाने के लिए आवश्यक सीटें हासिल नहीं कर पाएगी और 2019 में ओडिशा सहित पूर्वी राज्यों में उसकी सीटें बढ़ने की कोई संभावना नहीं है, लिहाजा भाजपा केंद्र में सरकार बनाने को लेकर नए राजनीतिक समीकरण बनने की स्थिति में बीजद का समर्थन मांगेगी।

राज्यसभा उपसभापति के चुनाव में भाजपा का समर्थन करने के लिए बीजद की आलोचना करते हुए शर्मा ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आखिर महानदी जल विवाद और राउरकेला में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ क्यों नहीं उठाया, जब उन्होंने बीजद का समर्थन मांगने के लिए उन्हें फोन किया था।

शर्मा ने पूछा, "यदि आप (बीजद) धर्मनिरपेक्ष हैं तो भाजपा का समर्थन क्यों कर रहे हैं और मॉब लिंचिंग का मुद्दा क्यों नहीं उठा रहे हैं? आपके समर्थन के पीछे के क्या कारण हैं?"

उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल बदले की भावना से की जा रही है। उन्होंने कहा कि इन केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल नवीन पटनायक सरकार के खिलाफ भी किया जा सकता है, इसीलिए एक फोन काल आते ही वह तैयार हो जाते हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र में भाजपा सरकार के अधीन राज्य के संस्थानों पर हमले हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, "इस भाजपा सरकार के अधीन देश में घृणा और असहिष्णुता व्याप्त हो गई है, और 21वीं सदी में मॉब लिंचिंग ने दुनिया में हमारे देश को शर्मसार किया है।"

शर्मा ने अर्थव्यवस्था को चौपट करने के लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा कि मोदी और भाजपा ने देश के लोगों के साथ धोखा किया है, क्योंकि वे प्रत्येक वर्ष दो करोड़ नौकरियां देने, महिलाओं की सुरक्षा और मजबूत अर्थव्यव्था के वादे पूरे नहीं कर पाए हैं।

शर्मा ने कहा, "निवेश में बुरी तरह गिरावट आई है। नोटबंदी और जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद लाखों लोगों की नौकरियां चली गईं और व्यापार बंद हो गए। मोदी ने देश के साथ धोखा किया है।"

उन्होंने अर्थव्यवस्था की स्थिति पर एक श्वेत-पत्र की भी मांग की।

कांग्रेस नेता ने मांग की कि सरकार पुराने फार्मूले के अनुसार जीडीपी के आंकड़े सार्वजनिक करे।

शर्मा ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को देश का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया और कहा कि प्रधानमंत्री ने मनमाने तरीके से संप्रग द्वारा तय कीमत से तीन गुना कीमत पर 36 विमान खरीदने का निर्णय लिया।

उन्होंने कहा, "उन्होंने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और 108 विमानों के एचएएल द्वारा विनिर्माण के लिए तय हुए समझौते को रद्द करने का निर्णय लिया। यह निर्णय देश के पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए लिया गया।"



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