मल्हार मीडिया ब्यूरो।
सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न सेवाओं को आधार से जोड़ने की अंतिम तिथि आगे बढ़ा दी है। न्यायालय ने अपने मंगलवार को अपने आदेश में कहा कि जब तक वह बायोमेट्रिक पहचान योजना की संवैधानिक वैधता पर अपना निर्णय नहीं दे देता, तब तक उपभोक्ता विभिन्न सेवाओं को आधार से जोड़ सकते हैं।
मोबाइल नंबर और बैंक खातों को आधार से लिंक करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब तक इस मामले में कोई फैसला नहीं आता, तब तक आधार लिंक करने की विंडो खुली रहेगी। अदालत ने यह भी साफ किया है कि केंद्र सरकार आधार को अनिवार्य बनाने को लेकर दबाव नहीं डाल सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि आधार कार्ड की अनिवार्यता सिर्फ सब्सिडी, बेनेफिट्स और सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के लिए ही रहेगी।
बता दें कि फिलहाल मोबाइल नंबर और आधार कार्ड को मोबाइल नंबर से लिंक करने की आखरी तारीख 31 मार्च थी। हालांकि इस आदेश के बाद यह डेडलाइन आगे बढ़ना तय माना जा रहा है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में आधार को मोबाइल नंबर और बैंक खातों समेत अन्य सुविधाओं से लिंक करने की तारीख 31 मार्च तक बढ़ा दी थी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में आधार कार्ड के खिलाफ कई याचिकाएं दाखिल हैं। जिन पर सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच सुनवाई कर रही है। मोबाइल और बैंक खातों के अलावा पासपोर्ट को आधार से लिंक करने की डेडलाइन भी बढ़ा दी गई है।
मोदी सरकार ने मोबाइल नंबर और बैंक खातों समेत अन्य कई समाज कल्याणकारी योजनाओं को आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया है। हालांकि आधार की अनिवार्यता को लेकर कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इन्हीं याचिकाओं पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है।
इस बीच अगर आप अपना मोबाइल नंबर और बैंक खाता आधार से लिंक करना चाहते हैं, तो यह काम अब आप घर बैठे कर सकते हैं। बैंक खाता लिंक करने के लिए जहां लगभग सभी बैंकों ने ऑनलाइन लिंकिंग की सुविधा दी है। तो वहीं, मोबाइल लिंक करने के लिए आप 14546 टोल फ्री नंबर पर कॉल कर सकते हैं।
इन सभी सुविधाओं के अलावा आपके पास बैंक शाखाओं में जाकर और अपनी टेलीकॉम कंपनी के सेंटर में जाकर भी आधार लिंक करने का काम निपटा सकते हैं।
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