मल्हार मीडिया ब्यूरो।
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को तगड़ा झटका देते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) ने बुधवार को फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीटों पर हुए उप चुनाव में जीत दर्ज की। गोरखपुर सीट उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और फूलपुर सीट उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सांसद पद से इस्तीफा देने के बाद खाली हुई थी।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अभी तक की अपनी कट्टर प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी को उप चुनाव में समर्थन का ऐलान किया था।
फूलपुर में सपा के नागेंद्र सिंह पटेल ने भाजपा के कौशलेंद्र सिंह पटेल को 59,613 मतों से हराया। गोरखपुर में सपा के उम्मीदवार प्रवीण कुमार निषाद ने भाजपा के उपेंद्र दत्त शुक्ला को 21,881 मतों से पारजित किया।
फूलपुर लोकसभा सीट से विजयी नागेंद्र पटेल ने इस जीत पर फूलपूर की जनता का शुक्रिया अदा किया और कहा कि उन्हें उनके नेता अखिलेश यादव और बहनजी मायावती के आशीर्वाद से जीत मिली है।
यहां से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ रहे जेल में बंद अतीक अहमद को 33,818 मत हासिल हुए जबकि कांग्रेस प्रत्याशी मनीष मिश्रा को 11,934 मत हासिल हुए।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने आईएएनएस से कहा, "यह (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी और योगी (आदित्यनाथ) को अस्वीकार किया जाना है।"
2014 लोकसभा चुनाव के बाद से इन दोनों सीटों पर अचानक भाजपा के खिलाफ हुए मतदाताओं के रुख पर उन्होंने कहा, "उन्होंने बड़े-बड़े वादे किए लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया। "
खास बात यह रही कि समाजवादी पार्टी के नेताओं ने खुलकर यह स्वीकार किया कि नतीजे में बसपा की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही।
भाजपा ने 2014 में राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से 73 पर जीत हासिल की थी। उसके सहयोगियों ने भी दो सीटों पर जीत दर्ज की थी। सपा ने पांच सीटें अपने नाम की थी जबकि कांग्रेस और बसपा अपना खाता खोलने में नाकाम रही थीं।
गोरखपुर के जिला अधिकारी राजीव रौतेला ने मतगणना केंद्रों पर पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगाकर विवाद खड़ा कर दिया था और पहले दो चरण के बाद वोटों की संख्या को जारी नहीं किया था। लेकिन, बाद में उन्होंने संवाददाताओं को हर दौर की गिनती की जानकारी दी।
सपा कार्यकर्ताओं ने फूलपूर और गोरखपुर में जश्न मनाया जबकि भाजपा खेमे में सन्नाटा पसर गया है।
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