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आदिवासियों पर फायरिंग और बेदखली पर दिग्विजय सिंधिया ने सरकार को घेरा

राजनीति            Jul 13, 2019


मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मध्यप्रदेश के बुरहानपुर के सिवल गांव में आदिवासियों की बेदखली और फायरिंग की घटना को लेकर कांग्रेस के ही दिग्गज नेता प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में खड़े हो गए हैं।

पहले आदिवासी कांग्रेस विधायक और जयस नेता डॉ. हीरालाल अलावा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा तो अब पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह व पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सामने आ गए हैं। दोनों नेताओं ने ट्वीट कर अपनी सरकार से मामले की जांच करने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है।

उधर, मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर जानकारी दी कि घटना की न्यायिक जांच करवाई जा रही है और जो भी दोषी होगा, उसे खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

विगत मंगलवार को बुरहानपुर के सिवल गांव में पुलिस, जिला प्रशासन व वन विभाग के अधिकारी खेत में जेसीबी से फसल उखाड़ने पहुंचे तो वहां के आदिवासियों विरोध किया। सरकारी अमले ने फायरिंग की, जिसमें गोखरिया बड़ोले, भूरालाल अचाले, राकेश अचाले और वकील को छर्रे लगे।

इस घटना के बाद जयस संगठन नेता डॉ. अलावा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि सरकार ने वन अधिकार के लिए खारिज हुए व लंबित दावों के पुन: निरीक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

1 मई 2019 को सभी कलेक्टरों को आदेशित किया जा चुका है कि वे प्रक्रिया पूरी होने तक किसी को बेदखल न करें, दूसरी तरफ वन विभाग का आतंक जारी है।

डॉ. अलावा ने बताया कि सिवल गांव के पीड़ित लोग वन अधिकार के दावेदार हैं। 1988-89 के उनके पास प्रमाण हैं। उन्होंने शासन के आदेश के बाद भी बुरहानपुर में बेदखली कार्रवाई करने वाले दोषी अधिकारियों को तुरंत गिरफ्तार करने और उनके खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट का मामला दर्ज करने की मांग की है। साथ ही जांच होने तक पीड़ित आदिवासियों को बेदखल नहीं करने और घायलों को मुआवजा देने का आग्रह किया।

कांग्रेस विधायक के मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने ट्वीट कर घटना पर चिंता जताई।

दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ सरकार का बचाव करते हुए कहा है कि सरकार की प्राथमिकता आदिवासी विकास और उनके हितों का संरक्षण है। जो घटना हुई है वह मौजूदा शासन की नीति के विरुद्ध है। अत: शासन दोषी अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई करे।

 



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