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भाजपाईयों की पीड़ा परिवारवाद,फेसबुक पर छलका दर्द

राजनीति            Oct 26, 2018


मल्हार मीडिया भोपाल।
टिकट बंटवारे में बड़े नेताओं द्वारा परिवार वालों को तवज्जो देने से तो मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की नाराजगी गाहे—बगाहे सामने आती रहती है। मगर अब यह नाराजगी सोशल मीडिया पर भी सामने आने लगी है।

पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हीरेंद्र बहादुर सिंह ने इस मामले में न सिर्फ नाराजगी व्यक्त की है बल्कि राजनीति छोड़ने की पेशकश भी कर दी और फेसबुक पर राय मांगी है।
यहां प्रस्तुत है हीरेंद्र बहादुर सिंह की फेसबुक पोस्ट जस की तस

मेरे दोस्तो ,भाईयों ,बहिनों एवं मेरे शुभ चिंतको। में आपसे राय लेना चाहता हूं क्या मुझे भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता के नाते ,राजनीति से विदा ले लेना चाहिये। भाजपा कार्यकर्ता के रूप में मुझे लगभग 28वर्ष हो चले हैं।

क्योंकि अब हर भाजपा के बड़े नेता को ,अपने पुत्रों एवं परिजनों के लिये टिकिट चाहिये। में टिकिट का दावेदार कभी नहीं रहा,न हूं ,पर अब तो भाजपा कार्यालय में जवाबदार पद पर बैठे लोग ,वहीं बैठकर अपने परिजनों के लिये टिकिट माँग रहें हैं।

मैं परिजनों के टिकिट का विरोधी नहीं हूं। पर क्या जवाबदार पदों पर बैठे लोगों को प्रदेश कार्यालय बैठकर अपने परिवार जनों के लिये टिकिट माँगना चाहिये।

क्या एेसे लोगों को उस समय ,वहाँ से चले नहीं जाना चाहिये था?यह काम वह लोग कर रहें हैं जिन्हे पार्टी ने कार्यकर्ताओं को समझाने की जवाबदारी सौंपी है ,पर पार्टीबगैर सोचे समझे एेसे लोगों को महत्वपूर्ण दीयित्व सौंपती रहती है।

यह लोग सबके चहेते बने हुये हैं। यह सब देखकर मेरे अंदर का आत्मविश्वास डगमगा रहा है।क्या अब हमारे नेताओं में नैतिकता नाम की चिड़िया उड़ चुकी है?

आप अपनी राय जरूर दीजिये। मेरी आलोचना एवं टीका टिप्पणी करने का हर व्यक्ति को अधिकार है।क्या एेसे लोगों को ,पार्टी तत्काल महत्वपूर्ण पद से मुक्त नहीं कर सकती थी ?जिन्होंने पार्टी की जगहसाई करवाई? क्या भाजपा का छोटा कार्यकर्ता यह गलती करता ,तो क्या पार्टी बाहर रास्ता दिखा देती या नहीं?


हीरेन्द्र बहादुर सिंह की फेसबुक वॉल से

 



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