मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मध्यप्रदेश की नर्मदा नदी पर बने महेश्वर बांध प्रभावितों को मुआवजा राशि नए भू-अर्जन कानून के तहत बढ़ाने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में दायर याचिका पर न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर अपना जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी।
नर्मदा बचाओ आंदोलन की चितरूपा पालित ने गुरुवार को बताया है कि महेश्वर बांध परियोजना से डूब में आने वाले भटयान, अमलाथा, सुलगांव, पथराड, नगवां, मर्दाना, ससाबढ़ गांव के विस्थापितों को मुआवजे के नोटिस भेजे गए। इस नोटिस में पुराने भू-अर्जन कानून के आधार पर मुआवजा राशि तय की गई थी, जबकि एक जनवरी 2014 से नया भू-अर्जन कानून भू-अर्जन कानून 2013 लागू हो गया है। नए कानून के मुताबिक, मुआवजा बढ़ा हुआ मिलना चाहिए।
उन्होंने आगे बताया कि सरकार के इस गैर कानूनी कदम के खिलाफ विस्थापितों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मांग की है कि उनका मुआवजा नए भू-अर्जन कानून के अनुसार बनाया जाए।
ग्राम भटयान के विस्थापितों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद मोहन माथुर ने पैरवी करते हुए न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव के समक्ष कहा कि सरकार द्वारा पुराने भू-अर्जन कानून का उपयोग कर विस्थापितों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है, जो सर्वोच्च न्यायालय के तमाम आदेशों का भी खुला उल्लंघन है।
पालित के मुताबिक, याचिका की सुनवाई के बाद न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस प्रकरण पर अब 26 सितंबर को सुनवाई होगी।
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