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मप्र - सूखे ने बिगाड़े हालात, सरकार ने उठाए कदम

राज्य            Dec 08, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में इस साल हुई कम वर्षा ने खेती को तो प्रभावित किया ही है, साथ में पेयजल संकट के आसार भी नजर आने लगे हैं। राज्य सरकार ने इससे निपटने के इंतजाम शुरू कर दिए हैं। एक तरफ 11 जिलों के लिए 463 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है, तो वहीं राज्यस्तरीय सूखा निगरानी समिति का गठन किया गया है। राज्य में लगातार बिगड़ते हालात पर नजर रखने के लिए संशोधित सूखा प्रबंधन मेन्यूअल 2016 के अनुसार गुरुवार को राज्यस्तरीय सूखा निगरानी समिति का गठन किया गया है। मुख्य सचिव बी़पी़ सिंह को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, समिति में अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण, प्रमुख सचिव सहकारिता एवं संचालक भू-जल बोर्ड को सदस्य बनाया गया है।

ज्ञात हो कि राज्य शासन ने नवंबर माह में 18 जिलों की 132 तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित किया था। ये वे जिले हैं, जहां वर्षा की कमी, जमीन और सतह के पानी की उपलब्धता, खराब फसल की स्थिति, रिमोट सेसिंग रिपोर्ट तथा जिलाधिकारियों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर इन्हें सूखा प्रभावित घोषित किया गया है।

जिलाधिकारियों की रपट के आधार पर अशोकनगर की सात, भिंड की आठ, छतरपुर की 11, दमोह की सात, ग्वालियर की पांच, पन्ना की नौ, सागर की 11, सतना की 10, शिवपुरी की नौ, सीधी की सात, टीकमगढ़ की 11, विदिशा की 11, शाजापुर की सात, श्योपुर की पांच, मुरैना की छह, दतिया की पांच, शहडोल की दो और उमरिया की एक तहसील को सूखा प्रभावित घोषित किया जा चुका है।

प्रदेश सरकार ने गुरुवार को ही राज्य के सूखा सहित प्राकृतिक आपदा से ग्रस्त 11 जिलों के लिए 462 करोड़ 96 लाख रुपये की राशि मंजूर की है। जारी आदेशानुसार, छतरपुर को 68.78 करोड़ रुपये, भिंड को 2.11 करोड़, सीधी को 13.18 कारोड़, ग्वालियर को 2.28 करोड़, टीकमगढ़ को 73.34 करोड़, सागर को 81.16 करोड़, दमोह को 56.55 करोड़, श्योपुर को 36.02 करोड़, अशोकनगर को 62.46 करोड़, मुरैना को 2.26 करोड़ और शिवपुरी को 64.82 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।



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