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व्यापम एक बार फिर चर्चा में,100 में से 100

वीथिका            Aug 20, 2017


अरूण दीक्षित।


सीबीआई की जांच के चलते भी हो गया व्यापम का "उपयोग"?

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक बीजेपी चीफ अमित शाह द्वारा भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान को 100 में से पूरे 100 नम्बर दिए जाने में अपने "व्यापम"की अहम भूमिका रही है।

पिछले कई सालों से "निरक्षर भट्टाचार्यों " को डाक्टर और इंजीनियर बना रहे व्यापम की बजह से ही अपने चौहान बंधु 100 में से 100 नम्बर हासिल करने में कामयाब रहे हैं।सूत्रों के मुताविक इसी बजह से श्रीमान अमित शाह ने व्यापम की इमारत के बाहर से दर्शन किये थे।हालांकि घोषित तौर पर वे शौर्य स्मारक देखने गए थे। लेकिन हमारे सूत्रों के मुताबिक शाह ने स्मारक में खड़े होकर व्यापम की इमारत को हाथ जोड़कर प्रणाम किया उसके बाद वे मूंछों में मुस्कराए !
बाद में उन्होंने मीडिया को मूर्ख बताते हुये अपने चौहान बंधुओं को 100 में से 100 नम्बर देने के साथ साथ उनकी कुर्सियों के 2019 तक के पट्टे भी दे दिये!!

इस बारे में मध्यप्रदेश से जुड़े और दिल्ली में बैठे एक वरिष्ठ पत्रकार का कहना है - व्यापम के बाद भी यदि चौहान बंधुओं को 100 में 100 नम्बर नहीं मिलते तो व्यापम की प्रासंगिकता पर ही सवाल उठ जाता! अमित शाह द्वारा किये गये मूल्यांकन से जहां व्यापम ने एक बार फिर अपनी उपयोगिता प्रमाणित कर दी है बहीं अपने पांव पांव बाले भैया की प्रबंधन क्षमता को भी प्रमाणित कर दिया है!!!(यह पत्रकार मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री द्वारा विकसित की गई चुनिंदा श्रेणी में शामिल नही है)

चर्चा यह भी है कि अब नेतृत्व पार्टी के नेताओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम में व्यापम का भी एक पाठ शामिल करेगा। ताकि व्यापम के अनुभव का लाभ पूरे देश में लिया जा सके। विचार यह भी है कि इसके लिये अलग से एक प्रशिक्षण संस्थान खोला जाए! ताकि सभी सेवकों को देश की व्यवस्था में ठीक से फिट क्या जा सके।

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और नवभारत टाईम्स के भोपाल ब्यूरोचीफ हैं। यह व्यंग्य उनके फेसबुक वॉल से लिया गया है।

 



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