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अग्निपथ दो साल से तैयारी कर रहे, मेडिकल भी क्लीयर, अब हम क्या करें

बिहार, मध्यप्रदेश, हरियाणा            Jun 16, 2022


मल्हार मीडिया डेस्क।

भारत सरकार ने थल सेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती के लिए एक नई अग्निपथ स्कीम का ऐलान किया है।

इसके तहत चार साल के लिए सैनिकों की भर्ती होगी। इन सैनिकों को अग्निवीर कहा जाएगा।

अग्निपथ स्कीम को सरकार ने गेम चेंजर बताया है, वहीं इस योजना को लेकर देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है।

बिहार में इसको लेकर प्रदर्शन उग्र हो गया है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कुछ जगहों पर ट्रेन में आग लगा दी। बिहार, यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा इन राज्यों में छात्रों का क्या कहना है।

बक्सर में आर्मी में जाने की तैयारी कर रहे छात्रों ने रेलवे स्टेशन पहुंचकर ट्रैक को जाम करने की कोशिश की और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

छात्र अग्निपथ स्कीम को लेकर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे थे।

परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों का कहना है कि पिछले दो साल से सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे हैं, कुछ ऐसे भी हैं जो मेडिकल टेस्ट में पास हो गए हैं अब क्या करेंगे।

एक छात्र ने कहा कि इससे नौकरी की चिंता उनकी कभी दूर नहीं हो पाएगी।

बिहार के मुजफ्फरपुर में सेना की इस नई भर्ती योजना के खिलाफ छात्र सड़कों पर उतरे। प्रदर्शन कर रहे एक छात्र ने कहा कि चार साल से वो तैयारी कर रहे हैं अब वह क्या करेंगे।

एक छात्र ने कहा कि जब चार साल में सरकार रिटायर कर देगी तो हमलोग उसके बाद कहां जाएंगे? एक दूसरे छात्र ने कहा कि वह कोरोना के समय से बहाली का इंतजार कर रहा है और अब यह खबर आ रही है। हमारे लिए कुछ भी नहीं बचा।

यूपी के बुलंदशहर अग्निपथ स्कीम को लेकर युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। सेना भर्ती की तैयारी कर रहे छात्रों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

अग्निपथ योजना को छात्रों ने ठेकेदारी प्रथा बताकर विरोध किया। प्रदर्शन कर रहे एक छात्र ने कहा कि इस सरकार ने पहले हमसे वन रैंक वन पेंशन के नाम पर वोट मांगा था और अब नो रैंक नो पेंशन की बात कर रही है।

एक दूसरे छात्र ने कहा कि सरकार ने लॉलीपॉप थमा दिया है। यह नौकरी नहीं है। अग्निपथ योजना के तहत सेना में चार साल की सेवा को छात्र सही नहीं मान रहे।

मेरठ कमिश्नरी पर भी सरकार के खिलाफ युवाओं ने प्रदर्शन किया। एक छात्र ने कहा कि क्या हम 4 साल के लिए बॉर्डर पर मरने जाएं।

उत्तराखंड के अलग-अलग शहरों में गुरुवार को अग्निपथ योजना के खिलाफ जमकर प्रदर्शन हुए।अग्निपथ स्कीम के विरोध के लिए उतरे युवाओं ने कहा कि कोरोना काल का बहाना बनाकर सरकार ने दो साल तक भर्ती नहीं निकाली।

चंपावत में प्रदर्शन कर रहे एक छात्र ने कहा कि टूर ऑफ ड्यूटी क्या मजाक है। एक दूसरे छात्र ने कहा कि वो किसी दूसरी परीक्षा के बारे में सोचा नहीं अब क्या करेंगे।

चंपावत में ही प्रदर्शन कर रहे एक दूसरे युवा ने कहा कि ये पूरी योजना वापस लेनी चाहिए और सेना भर्ती की पुरानी व्यवस्था को फिर से लागू करना होगा।

बिहार में अग्निपथ योजना के खिलाफ छात्रों के उग्र प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 'चुप्पी' को लेकर सियासी हलकों में कई तरह की अटकलें हैं। वहीं अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष केंद्र और राज्य की जेडीयू-बीजेपी सरकार को घेर रहा है।

राजद नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को कहा कि केंद्र ने रक्षा बलों में मनरेगा योजना शुरू की है। तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘2022 तक 80 करोड़ को नौकरी-रोजगार देने का इनका संकल्प था। अब वर्षों बाद अग्निपथ संविदा नहीं बल्कि शिक्षित युवाओं के लिए सेना में एक तरह से मनरेगा स्कीम लागू की गई है।

इनके वादों,जुमलों और इरादों को तो छोड़िए,जब प्रचंड बहुमत की सरकार के संकल्प का यह हश्र है तो बाकी का क्या?।’

उन्होंने पीएम मोदी के 2022 तक 80 करोड़ रोजगार देने के वादे पर एक समाचार लेख भी साझा किया।

बिहार में गुरुवार को ट्रेनें 'अग्निपथ' पर चलीं। केंद्र सरकार की सैन्य बलों में भर्ती की नई योजना 'अग्निपथ’ के खिलाफ प्रदर्शन गुरुवार को बेकाबू हुआ और सारी भड़ास ट्रेनों पर निकाल गई। सुबह बक्सर पर युवक सड़क पर उतरे और फिर यह आग धीरे धीरे आरा, छपरा, कैमूर होते हुए दोपहर तक गोपालगंज तक फैल गई।

सेना भर्ती की इस नई योजना का विरोध कर रहे उपद्रवी युवकों का गुस्सा ट्रेनों और रेलव स्टेशन पर फूटा। कैमूर, छपरा और गोपालगंज में ट्रेन की बोगियों में आग लगा दी गई। आरा रेलवे स्टेशन भी छात्र घुस गए, जिससे वहां भगदड़ मच गई।

प्रदर्शन कर रहे युवकों ने जहानाबाद और बक्सर जिलों में रेल पटरियों पर धरना देकर पटना-गया और पटना-बक्सर रेल मार्गों पर ट्रेनों की आवाजाही को रोक दिया, हालांकि स्थानीय पुलिस ने रेलवे पुलिस की मदद से प्रदर्शनकारियों को तत्काल पटरियों से हटा दिया।

प्रदर्शनकारियों ने ‘अग्निपथ’ योजना को रद्द करने की मांग को लेकर जहानाबाद में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-83 पर टायर जलाए और वहां धरना भी दिया।

नवादा रेलवे स्टेशन पर भी प्रदर्शनकारियों ने हंगामा किया। वहां प्रदर्शनकारी सेना में भर्ती की नई व्यवस्था के प्रति अपना विरोध दर्ज कराने के लिए पटरियों पर व्यायाम करते दिखे। नवादा में आक्रोशित युवाओं ने कुछ दुकानों को जबरन बंद कराने की कोशिश की।

नई व्यवस्था को वापस लिए जाने की मांग कर रहे आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने जहानाबाद, बक्सर, नवादा सहित राज्य के कई हिस्सों के जुलूस निकाला। केंद्र की इस योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा।

राजधानी दिल्ली के नांगलोई में विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि कोरोना के दो साल बाद यह फैसला क्यों। पहले कहा गया कि कोरोना के कारण भर्ती रोकी गई और अब सिर्फ चार साल के लिए भर्ती।

एक छात्र ने कहा कि लिखित परीक्षा हो चुकी थी और अब सीधे भर्ती ही रद्द कर दी गई।अब हम क्या करेंगे।

हरियाणा के पलवल, रोहतक, फरीदाबाद, गुरुग्राम इन जगहों पर सेना में नई भर्ती स्कीम के खिलाफ युवाओं ने प्रदर्शन किया। पलवल में फौज भर्ती के नए नियम का विरोध करते हुए हाईवे पर जाम लगा दिया।

गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने डीसी आवास का रास्ता रोक दिया है। रोहतक में प्रदर्शन कर रहे छात्र ने कहा कि 2 वर्ष पूर्व गोवा में सेना के लिए मेडिकल और फिजिकल पास किया था और अब नौकरी नहीं मिलेगी। यह सरासर अन्याय है। फिरोजाबाद में प्रदर्शन कर रहे एक छात्र ने कहा कि भविष्य एक दम सुरक्षित नहीं है।

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