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जनसत्ता को मिला नया संपादक, ओम थानवी ने लिखा 58 साल पर रिटायरी का कायदा है

मीडिया            Aug 12, 2015


मल्हार मीडिया डेस्क वरिष्ठ पत्रकार और 26 साल तक जनसत्ता के संपादक रहे ओम थानवी के 31 जुलाई को रिटायर हो जाने के बाद अब इस अखबार की कमान चंडीगढ़ में अखबार के संपादक रह चुके मुकेश भारद्वाज को सौंपी गई है। वैसे 31 जुलाई को अपने रिटायरमेंट के बाद भविष्य की अपनी योजनाओं के बारे में ओम थानवी ने अपने फेसबुक पेज पर कुछ यूं बताया है… अब दफ्तर से घर को निकल रहा हूं। बरसों के पिटारे में से अपने निजी कागजात और असबाब लेकर। मेरी खुशनसीबी थी कि जनसत्ता में 26 साल (दस साल चंडीगढ़, सोलह बरस दिल्ली) काम किया। एक ही अखबार में इतनी लंबी संपादकी पता नहीं कितनों को नसीब हुई होगी। 58 साल पर रिटायरी का कायदा है, वरना मैं पीछा न छोड़ता। जनसत्ता में अगर कहीं कुछ सार्थक कर पाया तो अपने सहयोगियों, लेखकों, स्तंभकारों, व्यंग्यचित्रकार और चित्रकारों की बदौलत। जो नहीं कर सका, उसका जिम्मेदार मैं हूं। इतना ही है कि काश कुछ साधन और मिल पाते। पर, ‘जो नहीं है उसका गम क्या’! जनसत्ता प्रभाष जोशीजी की देन है। उनकी ऊंचाई को कोई नहीं छू सकता। फिर भी अपनी प्रतिभा और क्षमता की सीमाओं में लोग प्रयास करते रहेंगे। आने वाले संपादक इसमें नए आयाम जोड़ेंगे, इसमें कोई संदेह नहीं। अब संपादन का जिम्मा चंडीगढ़ के दौर से मेरे साथी रहे मुकेश भारद्वाज संभाल रहे हैं। बहुत निष्ठावान और सुरुचिपूर्ण पत्रकार हैं। आशा है आप मित्रों, लेखकों का सहयोग उन्हें मिलता रहेगा। उनका इ-मेल आइडी है- [email protected] हां, मैं किसी अखबार में नहीं जा रहा। फिलहाल घूमने जरूर निकल सकता हूं। (ईर्ष्यालु दुश्मन खड़े करने में मेरे इस शौक की भूमिका भी कुछ कम नहीं!) फिर, फेसबुक और मौका मिलने पर टीवी पर तो अपनी बात रखता ही रहूंगा!


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