दैनिक जागरण की तरह भास्कर के मालिकों को भी सुप्रीम कोर्ट में आने तैयार रहना होगा

मीडिया            Oct 05, 2016


शशिकान्त सिंह। मंगलवार को मजीठिया वेज बोर्ड मामले की सुनवाई के दौरान माननीय सुप्रीमकोर्ट में सबसे ज्यादा नंगा किया गया दैनिक भास्कर को। इस सुनवाई के दौरान सभी सीनियर वकीलों ने दैनिक भास्कर की सच्चाई से माननीय सुप्रीमकोर्ट को अवगत कराया। देश भर के पत्रकारों की मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई लड़ रहे सीनियर एडवोकेट उमेश शर्मा ने सुप्रीमकोर्ट को अवगत कराया कि एक हजार करोड़ से ज्यादा टर्न ओवर की इस कंपनी ने आज तक किसी भी वेज बोर्ड का पालन नहीं किया, चाहे वो पालेकर वेज बोर्ड हो, बछावत हो, मणिसाना वेज बोर्ड हो या फिर मजीठिया वेज बोर्ड। एक एडवोकेट ने तो सुप्रीमकोर्ट को यहां तक अवगत कराया कि दस से ज्यादा राज्यों में इसके तमाम संस्करण हैं और सबसे ज्यादा यहाँ शोषण है, जिसके बाद इस मामले की सुनवाई कर रहे विद्वान् न्यायाधीश रंजन गोगोई ने भी आश्चर्य व्यक्त किया।

माना जा रहा है कि जिस तरह दैनिक जागरण के मालिकों महेंद्र मोहन गुप्ता और संजय गुप्ता को सुप्रीमकोर्ट ने अगली सुनवाई में तलब कर लिया, उसी तरह अगली बार दैनिक भास्कर के मालिकों चेयरमैन रमेश चंद्र अग्रवाल और मैनेजिंग डायरेक्टर सुधीर अग्रवाल को भी सुप्रीमकोर्ट के सामने आने को तैयार रहना होगा। मंगलवार को हुयी सुनवाई में मालिकों की तरफ से एडवोकेट सलमान खुर्शीद का एकदम शांत रहना भी लोगों की समझ से परे था।

वैसे आपको बता दें कि अपने घमंड में चूर दैनिक भास्कर के मालिकों को अगर सुप्रीमकोर्ट ने बुला लिया और दो चार मालिकों को जेल में डाल दिया तो तय मानिये कि देश भर के अखबार मालिकों को मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ अपने कर्मचारियों को देना ही पड़ेगा। पत्रकार एवं आरटीआई एक्टिविस्ट



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