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सजायाफ्ता महिला जेल में बनी लेखिका,बुक लांच जल्द

मीडिया, वामा            Aug 26, 2015


मल्हार मीडिया डेस्क जेल का जीवन वैसे तो किसी को कवि या लेखक बनाने के लिए आदर्श स्थान साबित नहीं हो सकता, लेकिन केरल की एक जेल में नशीले पदार्थो की बिक्री के आरोप में सजा काट रही 40 वर्षीय महिला लिजी अपने विचारों को कलम से शब्दों में ढाल रही है। लिजी ने जेल में रहकर अब तक 14 कविताएं और 8 कहानियां लिखी हैं। इन सभी को एक किताब के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। पत्रकार और जनसंपर्क पेशेवर सुबिन मनंथावाडी द्वारा लिखित पुस्तक ‘फ्रॉम कॉनविक्ट टु राइटर’ लिजी के जीवन और उसके कठिन परिश्रम की ही कहानी है। लिजी केरल के कन्नूर जेल में 25 साल की कैद की सजा काट रही है। उसकी कहानी उसके जीवन के संघर्षो और लेखन के प्रति उसकी रुचि पर आधारित है। लिजी के जीवन का ‘नया सफर’ तब शुरू हुआ, जब उसे साल 2011 में कोच्चि में पुलिस द्वारा नशीले पदार्थ से युक्त एक पैकेट ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। केरल के वयनाड जिले की निवासी लिजी एक अच्छी छात्र थी, लेकिन साल 1988 में पिता की मौत के बाद उसे स्कूल छोड़ना पड़ा। अपने मित्र से हुई लिजी की शादी का भी दुखद अंत हुआ, जब उसे पति की मौत के बाद वयनाड वापस जाने पर मजबूर होना पड़ा। समाचार4मीडिया


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