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'खबर लहरिया' की महिला पत्रकारों को फोन पर मिल रही बलात्कार की धमकी

मीडिया, वामा            Sep 15, 2015


दिव्या आर्य आठ महीने से उत्तर प्रदेश की कुछ महिला पत्रकारों को टेलीफ़ोन से अश्लील बातें कहने और धमकियां देने वाले शख़्स के ख़िलाफ़ आख़िरकार उत्तर प्रदेश सरकार ने कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है। सरकार ने एक ट्वीट के जरिये जानकरी दी है कि , स्पेशल टीम बनाई गई हैं और उन्हें अपराधी को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए रवाना कर दिया गया है। ये आदिवासी, दलित ग्रामीण महिलाएं ‘ख़बर लहरिया’ नाम का अख़बार चलाती हैं। 40 महिलाओं द्वारा चलाया जानेवाला ये अख़बार उत्तर प्रदेश और बिहार में स्थानीय भाषाओं में छपता है। अख़बार की संपादक, कविता ने सोमवार को एक वेबसाइट पर अपनी आपबीती लिखी। उनके लेख के मुताबिक़ जनवरी से एक शख़्स उन्हें लगातार फ़ोन कर रहा है, रात में फ़ोन कर वो कहता, मुझसे गंदी बातें करो, नहीं तो मैं तुम्हारा अपहरण कर बलात्कार करूंगा, कई बार करूंगा, जहां भी छिपोगी, ढूंढ लूंगा, तुम्हें भी और तुम्हारी साथियों को भी। संपादक के मुताबिक़ ये आदमी अलग-अलग नंबर से फ़ोन करता है और कई बार उनका और उनकी सहयोगियों के सिम कार्ड भी ब्लॉक करवा चुका है। उन्होंने लिखा कि मार्च में उन्होंने उस आदमी के ख़िलाफ़ पुलिस में एफ़आईआर दर्ज कराई थी पर अबतक उसे ढूंढा नहीं जा सका है। वो पुलिस के ख़राब रवैये की भी चर्चा करती हैं, इंस्पेक्टर ने मुझे कहा, बताओ वो तुम्हें कौनसी गालियां देता था? कैसे कहता था? जो भी वो फ़ोन पर कहता था वो सब मेरे लिए दोहराओ’। ‘द लेडीज़ फ़िंगर’ वेबसाइट पर उनका लेख छपने के बाद उसे ट्विटर पर कई महिला पत्रकारों ने शेयर किया। आख़िरकार उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ़ से आश्वासन भरे ट्वीट किए गए। सरकार के ट्वीट में कहा गया कि बांदा के एसपी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि ये केस बहुत संवेदनशीलता से देखा जाएगा। एक और ट्वीट में कहा गया, बांदा की पत्रकारों के मुद्दे का संज्ञान ले रहे हैं, बांदा के एसपी को हिदायत दी गई है कि पत्रकारों के साथ ऐसी प्रताड़ना के लिए ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ होनी चाहिए। ख़बर लहरिया साल 2002 में छपना शुरू हुआ था। इसे संयुक्त राष्ट्र के ‘लिट्रेसी प्राइज़’ समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। बीबीसी


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