मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश में आने वाली छोटी कंपनियों के कर्मचारियों को राज्य सरकार द्वारा ₹5000 महीना एचआर इंसेंटिव दिया जाएगा।
इतना ही नहीं मध्य प्रदेश के युवाओं को नौकरी देने वाली कंपनी को बैंक लोन पर 2% अनुदान दिया जाएगा।
इस प्रस्ताव पर हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में सहमति बन गई। अब इसे कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। इसकी शुरुआत बुरहानपुर के सुखपुरी में बन रहे पहले औद्योगिक क्लस्टर से होगी। प्राइवेट कर्मचारियों को एचआर इंसेंटिव देने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य होगा। कहा जा रहा है कि जो मप्र का मूल निवासी होगा, कंपनी में ऑन रोल होगा, उसे ही यह इंसेंटिव मिलेगा।
अभी उद्योग बड़े पैमाने पर एक निश्चित काम के लिए इंजीनियर्स और दूसरे वर्कर आउटसोर्स करते हैं। इन्हें कुछ समय बाद हटाया दिया जाता है। सरकार चाहती है कि प्रदेश में ऑन रोल कर्मचारियों की संख्या बढ़े। इसलिए ये एचआर इंसेंटिव पॉलिसी ला रही है।
सूत्रों के मुताबिक इस इंसेंटिव के लिए उद्योगों को सरकार के पास क्लेम करना होगा।उन्हें बताना होगा कि इस स्कीम की सभी शर्तें पूरी करने वाले हमारे पास कितने कर्मचारी हैं। इसी आधार पर सरकार उद्यमियों को कर्मचारियों का 5-5 हजार रु. ट्रांसफर करेगी। कुल मिलाकर एचआर इंसेंटिव वाला पैसा कर्मचारियों की सैलरी में जुटा रहेगा।प्राइवेट कर्मचारियों को HR इंसेंटिव पर मध्य प्रदेश के लघु उद्योग मंत्री का बयान
हमारा लक्ष्य है कि हम लघु उद्योगों में रोजगारों की संख्या को दोगुना करें। इस दिशा में एचआर इंसेंटिव पर विचार किया जा रहा है। इस आशय का प्रस्ताव जल्द ही मंजूरी के लिए कैबिनेट में मंजूरी के लिए लाया जाएगा। - ओमप्रकाश सकलेचा, एमएसएमई मंत्री, मप्र सरकार
मध्यप्रदेश में 27 औद्योगिक क्लस्टर बनेंगे, 4 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा
मप्र में फाॅर्मा, रेडीमेड गारमेंट, नमकीन, चाकलेट-बिस्किट जैसे 27 क्लस्टर बनाए जा रहे हैं। इंदौर में 5 बनेंगे। भोपाल के चांदपुरा में एक बनेगा। सरकार का अनुमान है कि इन क्लस्टरों से 8000 से ज्यादा उद्योग लेंगे। इनसे 4 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। 2019-20 तक मप्र में 2.88 लाख एमएसएमई पंजीकृत हैं। इनमें 1.92 लाख करोड़ रु. का निवेश हुआ है।
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