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एमए की किताब में गौंड जनजाति पर की गई टिप्पणी पर कांग्रेस का बहिगर्मन

राजनीति            Mar 22, 2017


मल्हार मीडिया।
मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में विपक्ष ने आज गौंड़ जनजाति के संबंध मे एक गैर सरकारी पुस्तक मे छपे लेख का मामला उठाया। इसी मामले पर डिंडौरी के कांग्रेस विधायक ओंकार सिंह मरकाम एक माह पहले डिंडौरी मे बड़ा प्रदर्शन कर चुके हैं। आज सरकार के महत्वपूर्ण विभागों पर चर्चा होनी थी बिना पूर्व सूचना के विपक्ष द्वारा उठाये गये मुद्दे से सरकार के महत्वपूर्ण विभागों मे हुए भ्रष्टाचारों की चर्चा सदन मे होने से बचाया है।

विधानसभा में बुधवार को एमए के संदर्भ ग्रंथ 'भारत का भूगोल" में गोंड जनजाति पर की गई टिप्पणी को मुद्दा बनाकर कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया। किताब में गोंड शब्द का अर्थ गोंडी भाषा में गाय मारने वाला तथा उसका मांस खाने वाला बताया है। इसे आदिवासी समाज के सम्मान से जोड़ते हुए विधायकों ने सरकार से माफी की मांग करते हुए गर्भगृह में नारेबाजी की।

शोर-शराबा इतना जबरदस्त था कि सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। सरकार जवाब देने तैयार थी, लेकिन विधायकों ने उन्हें सुना ही नहीं। आखिरकार विस अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा ने दिनभर का काम चंद मिनटों में पूरा कर कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी।

इधर सरकार ने किताब के प्रकाशक कैलाश पुस्तक सदन भोपाल और लेखक हरीश कुमार खत्री को ब्लैक लिस्ट कर दिया। किताब खरीदने और बंटवाने वाले जबलपुर के आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज के प्राचार्य डॉ.जेएल महोबिया को कारण बताओ नोटिस देकर जवाब मांगा गया है।

शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने ये मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि एमए के संदर्भ ग्रंथ के तौर पर भारत का भूगोल किताब छात्रों को बांटी जा रही है। इसमें गोंड शब्द का अर्थ गोंडी भाषा में गाय मारने और गाय मांस खाने वाला बताया गया है। इसको आदिवासी अस्मिता से जोड़ते हुए बाला बच्चन ने कहा कि ये अनुसूचित जनजाति वर्ग का अपमान है। ओमकार सिंह मरकाम विरोध में गर्भगृह में आ गए। इस दौरान पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया।

कैलाश विजयवर्गीय ने नेता प्रतिपक्ष की बात का समर्थन करते हुए कहा कि मुद्दा गंभीर है, लेकिन विधानसभा में किसी भी मुद्दे को उठाने की एक प्रक्रिया होती है। हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष ने 12 बजकर 13 मिनट पर सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।

दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने कहा कि मैं गौंड जनजाति से हूं और किसी भी जनजाति के खिलाफ इस तरह की बात का आना ठीक नहीं है। मुकेश नायक ने कहा कि मुख्यमंत्री सदन में आकर वक्तव्य देंगे जो हम सुनने के लिए तैयार हैं।

हंगामे को देखते हुए 12 बजकर 33 मिनट पर फिर सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। तीसरी बार एक बजे कार्यवाही शुरू हुई लेकिन हंगामा जारी रहा। अध्यक्ष ने सदस्यों को कई बार सरकार का जवाब सुनने और अपनी जगह बैठने का आग्रह किया लेकिन वे नहीं माने। इसे देखते हुए अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए ध्यानाकर्षण, तृतीय अनुपूरक बजट सहित विभागीय बजट को बिना चर्चा की पारित करा दिया।

उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि जबलपुर के महाकौशल आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज के प्राचार्य ने अपने स्तर पर किताब खरीरकर लाइब्रेरी में रखवा ली थीं। अब कॉलेज स्तर पर एक समिति होगी, जो किताब को पढ़ेगी और फिर निर्णय करेगी।

प्रश्नकाल के बाद विधानसभा की आज की कार्यसूची के विषय अनुसार प्रदेश सरकार के 14 महत्वपूर्ण विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा होनी थी इन विभागों मे नर्मदा घाटी विकास,खेल और युवक कल्याण,धार्मिक न्यास और धर्मस्व,नगरीय विकास एवं पर्यावरण,सिंहस्थ 2016 से संबधित व्यय नगरीय निकायों को वित्तीय सहायता,महिला एवं बाल विकास,किसान कल्याण एवं कृषि विकास कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा, लोक सेवा प्रबंधन उच्च शिक्षा, पुलिस गृह से संबंधित अन्य व्यय,परिवाहन जैसे अति महत्वपूर्ण विभागों के बजट की अनुदान मांगो पर चर्चा होनी थी।

 



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