मल्हार मीडिया भोपाल।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है कि कि भारत की सकारात्मक और रचनात्मक छवि बनाने के बजाए संयुक्त राष्ट्र में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का भाषण बीजेपी के वोटरों के लिए था. शशि थरूर ने कहा कि ऐसा लगता है कि भारत में सब कुछ राजनीतिक वातावरण ही है. उन्होंने कहा यह भाषण बीजेपी के वोटरों को संदेश था खास तौर पाकिस्तान जैसे मुद्दे पर. गौरतलब है कि शनिवार की शाम को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र की आमसभा में पाकिस्तान को जमकर घेरा है.
उन्होंने आतंकवाद को शह देने के मुद्दे पर पाकिस्तान को लताड़ लगाते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच वार्ता की प्रक्रिया विफल होने के लिए इस्लामाबाद को दोषी है ठहराया. विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें अधिवेशन को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र से भारत की पहल अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक समझौता को शीघ्र स्वीकार करने की अपील की ताकि इस वैश्विक अभिशाप को स्पष्ट शब्दों में परिभाषित किया जा सके क्योंकि पाकिस्तान आतंकियों को स्वतंत्रता सेनानी कहता है.
सुषमा स्वराज ने कहा, "हमारे मामले में आतंकवाद कहीं दूर में पैदा नहीं होता है बल्कि सीमा पार से आता है." उन्होंने कहा, "हमारे पड़ोसी को न सिर्फ आतंकवाद को पैदा करने की विशेषज्ञता है बल्कि वह दोरंगापन की भाषा बोलते हुए नकाब ओढ़कर दुष्टता करने की कोशिश करने में भी माहिर है." सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत पर वार्ता की प्रक्रिया को नाकाम करने का आरोप झूठा है. उन्होंने कहा, "हमारा मानना है कि वार्ता विवादों को हल करने का महज एक उचित जरिया है।
पाकिस्तान के साथ वार्ता कई बार शुरू हुई. अगर वार्ता रुकी तो सिर्फ उनके व्यवहार के कारण." सुषमा स्वराज ने कहा कि जो युद्ध की तलाश में या अन्य साधनों से निर्दोष लोगों की जान लेते हैं वे मानवाधिकार के नहीं बल्कि अमानवीय व्यवहार के समर्थक हैं.
उन्होंने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान हत्यारों का महिमामंडन करता है और बेगुनगाहों के खून को देखने से इनकार करता है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से सीसीआईटी पर शीघ्र अमल करने की अपील की। भारत ने संयुक्त राष्ट्र के पास इसका मसौदा 1996 में पेश किया था. सुषमा स्वराज ने कहा, "आज तक वह मसौदा एक मसौदा बनकर ही पड़ा हुआ है क्योंकि हम समान भाषा पर सहमत नहीं हो सकते हैं.. उन्होंने कहा, "एक तरफ हम आतंकवाद का मुकाबला करना चाहते हैं और दूसरी तरफ जब पाकिस्तान आतंकियों को स्वतंत्रता सेनानी कहता है तो हम इसे परिभाषित नहीं कर पाते हैं."
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