इरोम शर्मिला लड़ेंगी चुनाव,करना चाहती हैं शादी,16 बाद अब खत्म करेंगी भूख हड़ताल

वामा            Jul 26, 2016


मल्हार मीडिया ब्यूरो। मणिपुर में 16 साल से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम के ख़िलाफ़ भूख हड़ताल कर रही मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला अपना उपवास तोड़ेंगी। उन्होंने 9 अगस्त को भूख हड़ताल ख़त्म करने और मणिपुर विधानसभा के चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया है। इरोम शर्मिला ने पत्रकारों से कहा, "अाफ़्सपा के ख़िलाफ़ मैं पिछले 16 सालों से अकेले लड़ रही हूं। किसी सत्ता, राजनीति शक्ति और समर्थन के बिना. मुझ पर 309 का केस दर्ज किया गया। अब मैं चुनाव के माध्यम से अपनी लड़ाई को आगे ले जाउंगी।" उन्होंने कहा, "एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मैं चुनाव लड़ूंगी और अाफ़्सपा विरोधी अपनी मुहिम को आगे ले जाऊंगी।" इरोम शर्मिला नवंबर 2000 से आफ़्सपा (सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम) के ख़िलाफ़ भूख हड़ताल पर हैं। उनको हर 15 दिन में मणिपुर की स्थानीय अदालत में पेश होना पड़ता है और उन्होंने ये जानकारी अदालत में दी है। मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार उन्होंने अदालत में कहा कि "किसी भी राजनीतिक दल ने मेरे लोगों की आफ़्सपा हटाने की मांग को नहीं उठाया। इसीलिए मैंने ये विरोध ख़त्म करने और 2017 के असेंबली चुनावों की तैयारी करने का फ़ैसला किया है। मैं 9 अगस्त को अदालत में अपनी अगली पेशी के समय भूख हड़ताल ख़त्म कर दूँगी।" समाचार एजेंसियों के अनुसार, 44 साल की शर्मिला न केवल अगले साल विधानसभा चुनाव में भाग लेंगी बल्कि वो अब शादी भी करना चाहती हैं। मणिपुर में वर्ष 1958 से आफ़्सपा लागू है जिसके तहत सशस्त्र बलों को विशेषाधिकार दिए गए हैं।


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