कोर्ट का ओदश दरकिनार,शनि सिंगनापुर में फिर रोका गया महिलाओं को

वामा            Apr 02, 2016


मल्हार मीडिया ब्यूरो। महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मामले में शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट से कहा था कि मंदिरों में प्रवेश को लेकर कोई भेदभाव नहीं होगा। लेकिन शनिवार को भूमाता ब्रिगेड की कुछ महिलाएं वहां पर पहुंची तो स्थानीय लोगों ने उनका जमकर विरोध किया। मौके पर तैनात पुलिस ने कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण में रखा है। मंदिर प्रशासन का कहना है कि वह महिलाओं को वहां तक नहीं जाने देंगे जहां पर पुुरुषों को जाने नहीं दिया जाता है। मंदिर समिति का कहना है कि उन्हें कोर्ट का आदेश नहीं मिला है। इसके अलावा समिति का कहना है कि वह इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएगी। कोर्ट ने कल कहा था कि हर वह मंदिर जहां पुरुषों को प्रवेश की अनुमति है वहां महिलाएं भी जा सकती हैं। जहां किसी को प्रवेश करने की अनुमति नहीं वहां महिलाएं भी नहीं जा सकतीं। पिछले साल शनि शिंगणापुर मंदिर में शनि की मूर्ति पर एक महिला द्वारा तेल चढ़ाने पर यह विवाद शुरू हुआ था। महिला के तेल चढ़ाने के बाद मंदिर का शुद्धिकरण किया गया था। इसके बाद भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड की महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उन्हें मंदिर पहुंचने से पहले ही रोक लिया। इसके बाद महिलाओं को शनि शिंगणापुर मंदिर में प्रवेश के अधिकार पर बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका भी दायर हुई। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था। इस पर अपनी बात महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को रखी। याचिकाकर्ता नीलिमा वर्तक ने कहा कि हिन्दू धार्मिक स्थलों पर स्त्री-पुरुष दोनों को पूजा करने का अधिकार देने का कानून 1956 से है। लेकिन कई जगहों पर इसे लागू नहीं किया गया, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। कोर्ट के निर्देश ने समानता से पूजा के अधिकार को मजबूती दी है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि कानून को सही तरीके से लागू किया जाए। इसके लिए सभी जिलों के एसपी और कलेक्टर को सर्कुलर जारी करने के निर्देश भी सरकार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिए।


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