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महिला बाल विकास मंत्रालय सम्हालेगा निर्भया कोष

वामा            Apr 05, 2015


मल्हार मीडिया डेस्क सरकार ने गृह मंत्रालय के स्थान पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को निर्भया फंड के लिए नोडल एजेंसी बना दिया है। गृह मंत्रालय 16 दिसंबर 2012 को हुए जघन्य सामूहिक बलात्कार कांड के बाद बनाए गए निर्भया कोष का महज एक प्रतिशत ही इस्तेमाल में ला पाया था। निर्भया कोष में कुल तीन हजार करोड़ रूपए हैं क्योंकि कोष बनाते समय एक हजार करोड़ रूपए की शुरूआती राशि के अलावा 2014-15 में और 2015-16 में एक-एक हजार करोड़ रूपए इस कोष में डाले गए थे। गृह मंत्रालय ने महज 200 करोड़ रूपए की योजनाओं को मंजूरी दी थी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि मंत्रालय जल्द ही इस कोष के तहत योजनाओं को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया की शुरूआत करेगा। इस कोष का गठन संप्रग सरकार ने वर्ष 2013 में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया था। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने कहा, चूंकि निर्भया कोष के तहत प्रस्तावों पर काम करने के लिए नोडल मंत्रालय अब हम हैं, इसलिए हम जल्द ही योजनाओं को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे।अधिकारी ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय विभिन्न प्रस्तावों की जांच के बाद महिलाओं की सुरक्षा एवं उनका समग्र कल्याण सुनिश्चित करने वाली परियोजनाएं और योजनाएं तैयार करेगा। पिछले सप्ताह सरकार ने इस कोष के सदुपयोग के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे, जिनके अनुसार, देश में विभिन्न विभाग महिलाओं की सुरक्षा में सुधार लाने वाली योजनाओं के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से धन मांग सकते हैं। दिशा निर्देश जारी करते हुए वित्त मंत्रालय ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इन योजनाओं का मूल्यांकन करेगा ताकि यह तय किया जा सके कि ये निर्भया कोष से धन पाने के लिए उपयुक्त भी हैं या नहीं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि हालांकि विभिन्न प्रस्तावों को धन देने वाला पहलू गृह मंत्रालय से होकर ही गुजरेगा।अधिकारी ने कहा, यह इस दिशा में पहला कदम है और पूरे कोष को अपने अधीन लेने में संभवत: कुछ समय लगेगा। महिलाओं से जुड़ी चिंताओं को हमारे मंत्रालय से बेहतर और कौन समझेगा। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा प्रस्तावों का चयन किए जाने के बाद गृह मंत्रालय को धन आवंटित करना होगा। अधिकारी ने कहा, मान लीजिए, किसी एक मंत्रालय या एनजीओ द्वारा महिलाओं को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिलाने का प्रस्ताव आता है, तो हम इसके सभी पहलुओं की जांच करेंगे।


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