मल्हार मीडिया ब्यूरो।
जीएसटी परिषद की शनिवार को हुई बैठक में इस नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के लिए प्रस्तावित दो प्रमुख विधेयकों केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) की रूपरेखा पर सहमति रही लेकिन इस पर अंतिम मंजूरी मार्च के मध्य में ही मिलने की संभावना है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यों के वित्त मंत्रियों से मुलाकात की और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनाए गए जीएसटी विधेयक पर चर्चा की लेकिन राज्य जीएसटी विधेयक के संदर्भ में कोई चर्चा नहीं हुई। पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि राज्यों ने 26 बदलाव की मांग की थी जिसे केंद्र ने स्वीकार कर लिया है। यह भारत की संघीय व्यवस्था का गुण प्रदर्शित करता है। केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) पर परिषद की मार्च के मध्य में होने वाली अगली बैठक में विचार किया जाएगा।
मित्रा ने आगे कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकारे ढाबा और छोटे रेस्तरां कारोबारियों के लिए एक निपटान योजना रखने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य यह मांग कर रहे थे कि ढाबा और छोटे रेस्तरां निपटारा योजना अपना सकते हैं। केंद्र इस पर सहमत हो गया है कि इन छोटे कारोबारी पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा और यह केंद्र एवं राज्यों के बीच बराबर बांटा जाएगा।
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि परिषद की आज की बैठक में केंद्रीय जीएसटी तथा एकीकृत जीएसटी विधेयकों पर में 112क रूप से सहमति रही। उन्होंने कहा कि रीयल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए। हर कोई जानता है कि जमीन जायदाद के क्षेत्र में काफी कालाधन प्रयोग होता है। ऐसे में रीयल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने से कालाधन पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
जम्मू कश्मीर के वित्त मंत्री हसीब द्राबू ने कहा कि विधेयकों में कुछ मामूली संपादकीय बदलाव की जरूरत है और उसे फिर से कानूनी विभाग को भेजा जाना है। मित्रा ने कहा कि आईजीएसटी कानून राज्य एवं केंद्र के अधिकारियों को एक-दूसरे के वर्ग में आने वाली इकाइयों की जांच का अधिकार देगा।
उन्होंने जोर देकर कहा कि इस बात पर सहमति बनी कि राज्यों के पास केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आने वाली इकाइयों की जांच का अधिकार होगा। साथ ही, हम इसे अधिसूचना के रूप में नहीं चाहते। हम इसे कानून के अंदर ही रखना चाहते हैं ताकि भविष्य में कोई दूसरी परिषद आये और यह न कह दे कि राज्यों के पास यह अधिकार नहीं होगा।
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