राकेश दुबे।
संभलिये! भारत में ओमिक्रॉन सब वेरिएंट बी ऍफ़ .7 के अब तक चार मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से दो केस गुजरात से, 2 ओडिशा से हैं।
ये ओमिक्रॉन सब वेरिएंट चीन, अमेरिका और ब्रिटेन समेत बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस और डेनमार्क जैसे यूरोपीय देशों में पहले ही पाया जा चुका है।
कोरोना से बचाव के मद्देनजर सरकार ने लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने की सलाह दी है।
मास्क गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों और बुजुर्गों के लिए बेहद जरूरी है।
यूँ तो सरकार ने कहा है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है, भारत हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है, परन्तु हमें अपने बचाव के साथ साथी नागरिकों के बचाव का ध्यान रखना है।
हमें, हमेशा याद रखना चाहिए कि चीन धोखा देने में माहिर और सच छुपाने में भी उस्ताद है।
तवांग में ताजा झड़प चीन के इसी छल का सबूत है, आखिर क्यों चीन ने एलएसी पर भारत से बैर बढ़ाया?
इसका कारण है चीन में तेजी से फैलता कोराना। पूरी दुनिया चीन में कोरोना विस्फोट की आशंका जता रही है।
कई विशेषज्ञों का दावा है कि चीन में हालात 2019 से भी बदतर हैं।
वहां मरीजों की संख्या इतनी हो गई है कि उन्हें जमीन पर लिटाना पड़ रहा है।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आने वाले तीन महीनों में करीब 80 करोड़ लोग संक्रमित हो सकते हैं।
हेन्नान प्रांत से आई तस्वीरें चीन के दावों की पोल खोलने के लिए काफी हैं।
हकीकत में वहां के लोगों को नैचुरल इम्यूनिटी जितनी मिलनी चाहिए थी, वो नहीं मिल पाई।
भारत में ऐसा नहीं है। भारत में अधिकांश लोगों को नैचुरल इम्युनिटी मिली है। खासकर ओमिक्रॉन वेरिएंट के पीक के दौरान पूरे देश में असर देखा गया था।
अभी तक कोरोना के बढ़ते मामले चीन तक ही सीमित है, हालांकि ऐसी आशंकाएँ हैं कि यह अन्य देशों में भी फैल सकती है।
अंतर्राष्ट्रीय यात्रा अब लगभग पूर्व-कोविड स्तरों पर वापस आ गई है।
आज कोई भी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है कि ये नए म्यूटेशन कितने खतरनाक हो सकते हैं।
“नेचर” में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में अगले कुछ महीनों में लगभग 10 लाख लोगों की मौत हो सकती है।
रॉयटर्स ने हाल के तीन अन्य अध्ययनों को सूचीबद्ध किया है जिनमें चीन में 1 मिलियन से 2.1 मिलियन मौतों का अनुमान लगाया गया है।
भारत में चीन के मुकाबले स्थिति बेहद अच्छी है। अब तक कोरोना वायरस की तीन लहरें झेलने वाले भारत के लिए डेल्टा वैरिएंट की सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हुई थी, जिसके परिणाम स्वरूप दूसरी लहर देखने को मिली थी।
हालांकि पिछले कुछ महीनों की स्थिति पर नजर डालें तो ये काफी बेहतर और नियंत्रित स्थिति में है। बीएफ7 समेत चीन में ओमीक्रोन के जो भी वैरिएंट्स फैल रहे हैं, वे भारत के लिए नए नहीं हैं।
चीन के लगातार बिगड़ते हालात के बाद अब भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय एक हाई लेवल मीटिंग बुला चुका है।
इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया समेत स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार, स्वास्थ्य सचिव, एम्स डॉयरेक्टर, आईसीएमआर के निदेशक और एनसीडी डॉयरेक्टर शामिल हुए।
समीक्षा बैठक में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए कई अहम मुद्दों पर फैसले भी हुए।
जैसे, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बचाव के लिए किस तरीके के कदम उठाए जाएं? विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए नियमों का निर्धारण कैसे हो?
कोविड-19 के नए वेरिएंट को लेकर विशेषज्ञों की क्या राय है?
स्वदेश लौटने वाले भारतीयों के संबंध में क्या नियम बनाए जाएं?
न्यू ईयर सेलिब्रेशन को लेकर किस तरह की सतर्कता बरती जाए?
वैसे स्वास्थ्य विभाग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वो कोविड पॉजिटिव मामले की सैंपल को जीनोम सिक्वेंशिंग लैब में भेजे।
जिससे देश में फैलने वाले कोरोना के नए वेरिएंट का समय से पता चल सके, इसके साथ ही इसको फैलने से रोके जाने वाले जरूरी प्रयास किए जा सके।
केद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में कहा है कि इस तरह की कवायद देश में वायरस के नए स्वरूपों, यदि कोई हो, का समय पर पता लगाने में सक्षम बनाएगी और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य कदम उठाए जाने में मदद करेगी।
वैसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार 20 दिसंबर को सुबह 8 बजे तक की स्थिति देश में कुल 3 हजार 490 एक्टिव केस थे, जो मार्च 2020 के बाद सबसे कम हैं।
भारत में वैक्सीनेशन का आंकड़ा 220 करोड़ को पार कर चुका है, फिर भी सभी के लिए सतर्कता जरूरी है।
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