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दुनिया जले,जलती रहे लेकिन…।

खरी-खरी            Sep 10, 2022


श्रीकांत सक्सेना।

फ़िलहाल अपना मुल्क तवील अरसे तक बहुत मुश्किल वक़्त गुज़ारने के बाद अच्छे दिनों को सेलीब्रेट करने में व्यस्त है।

दुनिया के सबसे अमीर लोगों में हिंदुस्तानियों की तादाद बढ़ी है।स्विस बैंकों समेत सभी विदेशी बैंकों में सबसे ज़्यादा धन हिंदुस्तानियों ने ही जमा कराया है।

दुनिया के सबसे बड़े अपराधियों और धोखेबाज़ों में बहुत से हिंदुस्तानियों के नाम शामिल हो गए हैं।

कुछ अमीरों के तो घर की बिजली का मासिक बिल ही एक करोड़ रुपयों से ज़्यादा का आने लगा है।

ऐसे हिंदुस्तानी भी हैं जिनकी कारों में अस्सी किलो से ज़्यादा सोना मढ़ा हुआ है।

ऐसे मंदिर हैं जिनकी कोठरियों में बहुत से देशों के सकल घरेलू उत्पाद से कहीं ज़्यादा धन पड़ा है।

लोग जिन्हें बेरोज़गार कहकर अपमानित कर रहे हैं, दरअसल वे निवृत्तिमार्गी संत हैं।

भारत में लोगों की आध्यात्मिक चेतना और जीवन को नश्वर मानने की मूल सनातन मान्यता आज भी यथावत है।

रोज़ाना 75 करोड़ लोगों से ज़्यादा लोग एक समय ही भोजन करते हैं, यूं कहें उपवास रखते हैं।

बुंदेलखंड,महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में ही प्रतिवर्ष लगभग एक लाख लोग संथारा करते हुए स्वयं को परमतत्व में विलीन कर लेते हैं।

देश के अनाज भंडार भी भरे हुए हैं, हर साल करोड़ों टन अनाज रखे-रखे ही सड़ने लगा है।

हुकूमत हर साल देशी-विदेशी व्यापारियों का लाखों करोड़ रुपयों का टैक्स और दीगर देनदारियाँ मुआफ़ कर देती है।

लगभग अस्सी फ़ीसदी सांसद करोड़पति हो चुके हैं।

मुल्क की तरक़्क़ी के ये आँकड़े सरकारी दस्तावेज़ों में दर्ज़ हैं, जिनकी कोई भी नागरिक जाँच कर सकता है।

हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नागरिक हैं जहाँ बेहद पारदर्शी व्यवस्था है।

लोग ख़ासकर युवा अत्यंत धर्मनिष्ठ और विनम्र हैं,अहंकार क्या आत्माभिमान भी उन्हें छू तक नहीं गया है।

लोग श्रम का सम्मान करते हैं,  इसका प्रमाण ये है कि बहुत से उच्चशिक्षा सम्पन्न नौजवान चपरासी और सफ़ाई कर्मचारी बनने में अपनी हेठी नहीं समझते।

हमने अपने उच्च संस्कारों को आज भी बचाए रखा है।

यही कारण है कि विश्व में भारत की दुंदभि बज रही है।

हमें विश्वगुरु बनने से रोकने के लिए अनेक प्रकार के विरोध और षड्यंत्र जारी हैं।

दुनिया जले,जलती रहे लेकिन जब अपने ही देश में ही कुछ लोग इतनी महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर सवाल करने लगें ,तो उन्हें कैसे क्षमा किया जा सकता है?

 ऐसे राष्ट्रद्रोहियों को भारत में कैसे रहने दिया जा सकता है?उन्हें पाकिस्तान भेज दिया जाना चाहिए।

ये समय अच्छे दिनों का उत्सव मनाने का है। धर्मध्वजा फहराने का है।

विश्व विजय पर निकले हमारे धर्मरथ का मार्ग पूरी तरह बाधारहित और निष्कंटक हो। शुभमस्तु।

 

 

 

 



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