मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पारिवारिक आत्महत्या मामले को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को बड़ी मीटिंग की। उन्होंने पुलिस अफसरों से कहा कि अपराधियों को पकड़ने के लिए रणनीति बनाएं।
जो लोग ऐसे मामलों में डरा-धमका रहे, उन्हें जल्द पकड़ें। पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी ने मुख्यमंत्री को केस के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
मीटिंग में डीजीपी सुधीर सक्सेना, पीएस गृह राजेश राजौरा, एडीजी आदर्श कटियार, भोपाल पुलिस कमिश्नर चारी, ओएसडी मुख्यमंत्री अंशुमन सिंह सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। लोन एप सहित इस तरह के हो रहे साइबर क्राइम पर चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए अवेयरनेस कैंपेन चलाया जाए। इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया पर भी कैंपेन चलाया जाएगा। जहां जरूरत हो, वहां भारत सरकार के साथ समन्वय करें।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए आवश्यक जन जागरूकता की जरूरत है। इसके लिए एक पृथक कार्ययोजना बनाकर अमल किया जाए। जनता को ऑनलाइन ऋण उपलब्ध कराने के ऑफर देने वाले लोगों पर नजर रखी जाए। जिस एप के माध्यम से यह अपराध होते हैं, उनका संचालन करने वालों की धरपकड़ की जाए।
यदि स्थानीय लोग इनमें शामिल नहीं हैं और देश के अन्य स्थानों या विदेश से ऐसी अवैध गतिविधियों का संचालन हो रहा हो तो उन तक पहुंचने के लिए दल भी भेजे जाएं। लोगों को पैसा दिलवाने का लोभ देकर उन्हें ठगने वाले लोगों के विरुद्ध हर व्यक्ति को जागरूक होना चाहिए। पुलिस द्वारा भी इस संबंध में व्यापक अभियान संचालित होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋण के दुष्चक्र में फंसने वाला व्यक्ति विवश होकर आत्महत्या जैसा कदम उठाए। उसके पूर्व प्राप्त शिकायतों पर तत्परता से कार्रवाई की जाए। जागरूकता अभियान व्यापक स्तर पर चलना चाहिए। विशेषकर स्कूल और कॉलेजों में इस संबंध में व्याख्यान भी होना चाहिए। ताकि विद्यार्थी ऑनलाइन ऋण प्रदान करने के प्रलोभन से बचें।
बैठक में पुलिस अफसरों ने बताया भारत सरकार ने करीब 90 एप पर प्रतिबंध लगाया है। सचेत पोर्टल भी कार्य कर रहा। रिजर्व बैंक द्वारा कई एप अधिकृत नहीं है, जो प्रलोभन देकर लोगों को जाल में फंसाने का कार्य करते हैं। व्यक्ति की निजी जानकारियां प्राप्त कर ठगने का कार्य करते हैं। भोपाल में हुई घटना की गंभीरतापूर्वक विवेचना की जा रही है।
सायबर क्राइम पर सख्ती से कार्रवाई की जाए।
भोपाल में परिवार के सदस्यों द्वारा आत्महत्या की घटना दर्दनाक है। इसके अपराधी शीघ्र पकड़े जाएं।
ऐसे प्रयास हों कि भोपाल और प्रदेश के अन्य स्थानों के नागरिक इस तरह के दुष्चक्र में न फंसे।
आमजन को आवश्यक जानकारियां देकर जागरूक बनाना है। परिवारों को संकट से बचाने के लिए सभी प्रयास करें।
सायबर क्राइम से बचने के लिए जागरूकता अभियान भी बड़े पैमाने पर चलाएं।
मीटिंग में जानकारी दी गई कि बैंक के अलावा अधिकतर लोन एप आरबीआई से अधिकृत नहीं है। इस तरह के ज्यादातर बैंक एप विदेश से संचालित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करने को कहा।
दंपती और दो बच्चों के शव उनके घर में मिले। भूपेंद्र ने गुरुवार तड़के 4 बजे सेल्फी और सुसाइड नोट अपनी भतीजी को वॉट्सएप किया था। ये उनकी आखिरी सेल्फी थी।
दंपती और दो बच्चों के शव उनके घर में मिले। भूपेंद्र ने गुरुवार तड़के 4 बजे सेल्फी और सुसाइड नोट अपनी भतीजी को वॉट्सएप किया था। ये उनकी आखिरी सेल्फी थी।
भोपाल में बेटों को जहर दिया, फिर फांसी लगा ली थी
गौरतलब है कि भोपाल में दो दिन पहले फैमिली सुसाइड केस सामने आया था। रातीबड़ की शिव विहार कॉलोनी में रहने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा (38) कोलंबिया बेस्ड कंपनी में ऑनलाइन जॉब करते थे। भूपेंद्र पर काम का प्रेशर और लोन था। कंपनी ने उनका लैपटॉप हैक कर उसमें मिले कॉन्टैक्ट पर एडिटेड अश्लील वीडियो वायरल कर दिए थे। इससे परेशान भूपेंद्र ने अपनी पत्नी रितु (35) के साथ गुरुवार सुबह फांसी लगा ली। इससे पहले, दो बेटों ऋतुराज (3) और ऋषिराज (9) को जहर दिया था। साइबर क्राइम के इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री को पुलिस अफसरों ने विस्तृत जानकारी दी।
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