मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क श्योपुर में चीता परियोजना की शुरुआत के बाद 6 चीतों की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
मध्य प्रदेश सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक इसे लेकर चिंतित है, उधर विपक्ष और वन्य प्राणी प्रेमी शिवराज सरकार और वन विभाग पर हमलावर हैं।
इन्हीं सब चिंताओं के बीच आज मुख्यमंत्री निवास पर चीता प्रोजेक्ट को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक हुई।
बैठक में केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वन मंत्री विजय शाह सहित वन विभाग और सरकार के आला अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में तय हुआ कि चीतों से जुडी हर छोटी बड़ी जानकारी के अध्ययन के लिए परियोजना से जुड़े अधिकारियों- कर्मचारियों के दल को दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया भेजा जायेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा चीतों की सुरक्षा, संरक्षण, संवर्धन और प्रस्तावित चीता प्रोटेक्शन फोर्स के लिए केंद्र सरकार का हर संभव सहयोग मिलेगा, मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार चीता परियोजना की सफलता के लिए प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि चीता परियोजना अंतर्गत चीता संरक्षण एवं प्रबंधन में संलग्न अधिकारी और कर्मचारियों को नामीबिया/ दक्षिण अफ्रीका अध्ययन प्रवास के लिए चयनित कर भेजा जाएगा।
केंद्र सरकार द्वारा चीतों की सुरक्षा, संरक्षण, संवर्धन और प्रस्तावित चीता प्रोटेक्शन फोर्स के लिए केंद्र सरकार की ओर से वित्तीय संसाधन सहित हर संभव सहयोग दिया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री श्री यादव आज मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में मुख्यमंत्री श्री चौहान, वन मंत्री डॉ. विजय शाह और राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में चर्चा कर रहे थे।
केंद्रीय मंत्री यादव ने कूनो राष्ट्रीय उद्यान के लिए अतिरिक्त वन रक्षक और वनपाल की व्यवस्था का आग्रह करते हुए कहा कि अधो-संरचना और मानव संसाधन दोनों आवश्यक हैं। परियोजना से संबंधित भ्रामक सूचनाएँ प्राय: सामने आती हैं। आमजन को भी प्रामाणिक जानकारी मिलना चाहिए।
वर्तमान में कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 7 चीते खुले वन क्षेत्र और 10 चीते अनुकूलन बाड़ों में रह रहे हैं।
नवम्बर तक चीतों के लिए वैकल्पिक रहवास के तौर पर गांधी सागर अभयारण्य को भी तैयार किया जा रहा है।
कूनो में भी अनुमानित क्षमता के मुकाबले अभी चीते कम हैं। चीतों की देखभाल करने वाला स्टॉफ भी परिश्रमी है। परियोजना निश्चित ही सफल होगी।
मध्य प्रदेश सरकार गंभीरता से परियोजना के क्रियान्वयन के लिए कार्य कर रही है। परियोजना में फारेन एक्सपर्ट की सेवाएँ निरंतर मिल ही रही हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वे आगामी 6 जून को कूनो राष्ट्रीय उद्यान जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे।
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