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मप्र के स्कूली पाठ्यक्रमों में शामिल किए जाएंगे रामचरित मानस गीता, महाभारत के प्रसंग

खास खबर            Jan 23, 2023


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश में स्कूली पाठ्यक्रम में रामचरितमानस, गीता, महाभारत के प्रसंगों को शामिल किया जाएगा।

यह घोषणा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर विद्या भारती मध्यभारत प्रांत, सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मध्यप्रदेश के सुघोष दर्शन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए की।

उन्होंने कहा कि रामचरितमानस जैसे ग्रंथ हमारे पाथेय और मार्गदर्शक हैं। रामचरित मानस सहित गीता और महाभारत के प्रसंगों को शालेय पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।

यह प्रसंग नैतिक शिक्षा और आध्यात्म की शिक्षा में सहायक होंगे। ज्ञान का सर्वश्रेष्ठ प्रकटीकरण अपनी मातृभाषा में होता है। अंग्रेजी के आधिपत्य को समाप्त कर मातृभाषा में शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास करेगी।

इसी दिशा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में कराने की पहल की गई है।

मुख्यमंत्री ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और कार्यक्रम स्थल पर माँ सरस्वती के चित्र और ऊँ की आकृति पर माल्यार्पण किया।

भोपाल के ओल्ड कैम्पियन क्रिकेट ग्राउण्ड में आयोजित कार्यक्रम में अखिल भारतीय संगठन मंत्री गोविंद चंद्र महंत, सेवानिवृत्त मेजर जनरल टी.पी.एस. रावत ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

विद्या भारती मध्यभारत के अध्यक्ष श्री बनवारी लाल सक्सेना भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में 16 जिलों के 75 विद्यालयों के 1500 से अधिक विद्यार्थी, आचार्य, शिक्षकगण सम्मिलित हुए।

आजादी के अमृत महोत्सव पर मध्यभारत प्रांत की 75 घोष इकाइयों के विद्यार्थियों द्वारा बंशी वादन, शंख वादन, साइड ड्रम, बॉस ड्रम सहित अन्य वाद्य यंत्रों का वादन करते हुए ऊँ, स्वास्तिक चिन्ह, सुघोष 2023 तथा 75 के अंक की आकृति का निर्माण किया गया।

 

 



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