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धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग मुख्यालय शिफ्ट हुआ उज्जैन

खास खबर            Jul 09, 2024


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग का मुख्यालय को भोपाल से अलग करके उज्जैन भेज दिया गया है। सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। यह पूरी तैयारी उज्जैन में 2028 में होने जा रहे सिंहस्थ महाकुंभ के चलते की गई है। अब धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग राजधानी भोपाल से संचालित नहीं होगा।

धार्मिक न्यास डिपार्टमेंट का मुख्यालय भोपाल से उज्जैन शिफ्ट किया जाएगा। मंगलवार को इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया है। अब धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग उज्जैन में स्थित सिंहस्थ मेला प्राधिकरण उज्जैन के भवन में संचालित किया जाएगा। अब तक धार्मिक न्यास विभाग संचालनालय सतपुड़ा भवन से संचालित हो रहा था।

उज्जैन से संचालित होगी तीर्थ दर्शन योजना

आपको बता दें कि यह विभाग प्रदेश में बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन कराने और विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक मेले का आयोजन करता है। नए निर्देशों के अनुसार मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना संचालक भी उज्जैन में स्थानांतरित किया जाएगा। अब मुख्यालय के संचालक सहित पूरा स्टाफ उज्जैन में बैठेगा और यही से प्रदेश की धार्मिक आयोजन निर्धारित किए जाएंगे। इसके अलावा सिंहस्थ की तैयारियों की रूपरेखा भी यही से तय होगी।

धार्मिक न्यास के अंतर्गत आते हैं सभी मंदिर

मोहन सरकार को फैसले पर पिछले दिनों कैबिनेट से मंजूरी मिल गई थी। अब जबकि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हट गई है तो सरकार ने आदेश जारी कर दिया। आपको बता दें कि इसी विभाग के अंतर्गत प्रदेश में धार्मिक कार्यों का आयोजन होता है। साथ ही प्रदेश के सारे मंदिर भी इसी विभाग के अंतर्गत आते हैं।

सिंहस्थ 2028 को लेकर किया फैसला

आपको बता दें कि महाकाल की नगरी उज्जैन में सबसे ज्यादा धार्मिक नियंत्रण वाले मंदिर हैं। साथ ही महाकालेश्वर लोक भी है। यहां बड़ी संख्या में बाहर के लोग आते हैं। मध्य प्रदेश में उज्जैन धार्मिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध है। एक तरीके से यह धार्मिक राजधानी भी है। सरकार का यह फैसला उसी दृष्टिकोण से लिया गया माना जा रहा है। इसके साथ ही 2028 का सिंहस्थ भी यही होना है। जिसकी रूपरेखा यहीं से बनेगी।

 



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