मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग को सागर जिले के बीना में एक मिशनरी स्कूल के औचक निरीक्षण के दौरान उसकी जीव विज्ञान की प्रयोगशाला में कथित रूप से एक मानव भ्रूण पाया।
आयोग के सदस्यों के सवालों के संतोषजनक जवाब न मिलने पर भ्रूण को पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
आयोग की टीम एक छात्र को स्कूल से निकाले जाने की शिकायत की जांच करने पहुंची थी।
मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य औंकार सिंह ठाकुर ने बताया कि बीना में स्थित स्कूल के खिलाफ उसके दो छात्रों की कुछ लंबित शिकायतों को लेकर आयोग का दो सदस्यीय दल छह अप्रैल को स्कूल का औचक निरीक्षण करने पहुंचा था।
उन्होंने कहा कि जांच के दौरान विद्यालय की जीव विज्ञान की प्रयोगशाला में कांच की बोतल में करीब पांच-छह माह का मानव-भ्रूण रखा पाया गया।
ठाकुर ने बताया कि स्कूल प्रबंधन से जब सवाल किया गया कि उसके पास यह भ्रूण कहां से आया,तो इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि अध्ययन के लिए मानव भ्रूण रखने के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता होती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एक छात्र को स्कूल से निकाले जाने की शिकायत पर गुरुवार को एमपी बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम जांच करने के लिए बीना के इस स्कूल में पहुंची थी। इसी दौरान प्रयोगशाला में मानव भ्रूण दिखाई दिया।
आयोग की टीम ने इसकी सूचना पुलिस को दी भ्रूण को पुलिस ने जब्त कर लिया। इस मामले में आयोग ने एफआइआर दर्ज करने के निर्देश भी दिए हैं।
भ्रूण को सोमवार को जांच के लिए भेजा जाएगा। इस मामले में बीना पुलिस थाना प्रभारी कमल निगवाल ने बताया कि आयोग से मिले प्रतिवेदन के आधार पर मामले की जांच की जा रही है।
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