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मप्र नए जिले बनने से सीमाएं घटी-बढ़ीं, बना नया परिसीमन आयोग

खास खबर            Sep 09, 2024


  मल्हार मीडिया भोपाल

मध्यप्रदेश भौगोलिक दृष्टि से देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है, राज्य का क्षेत्रफल अधिक है परंतु जिला और संभागों की सीमाओं के कारण लोगों को कुछ परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है।

कई गांव ऐसे हैं जिनकी जिला मुख्यालय से दूरी बहुत अधिक है, इसी प्रकार कई संभाग बहुत छोटे हैं।  

 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज नए जिलों को लेकर उठ रही मांग को लेकर यह वक्तव्य दिया। जन सामान्य की सुविधा और बेहतरी के उद्देश्य से जिले और संभाग की सीमाओं का पुनर्निर्धारण किया जाएगा।  

मुख्यमंत्री यादव ने उदाहरण देते हुए कहा कि बड़े जिलों जैसे सागर, उज्जैन, इंदौर और धार में कई समस्याएं हैं। बीना में रिफाइनरी स्थापित होने से यह एक महत्वपूर्ण स्थान के रूप में उभरा है। आने वाले समय में बीना क्षेत्र का भी युक्तियुक्तकरण किया जाएगा।

मध्य प्रदेश में नए जिले और तहसीलें बनने से सीमाएं घट-बढ़ गई हैं। कोई संभाग बहुत बड़ा हो कोई छोटा यही स्थिति जिलों में भी है। इससे आमजन और राजस्व प्रशासन में आ रही परेशानियों को देखत हुए समाग, जिला और तहसीलों का सीमांकन नए सिरे से किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने परिसीमन आयोग का गठन कर दिया है।

तीन सदस्यीय आयोग का अध्यक्ष सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव को बनाया गया है। सदस्यों के नाम पर फैसला बाद में लिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार 9 सितंबर की सुबह बीना रवाना होने से पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि जब हमने सरकार बनाई, तो इस बात पर ध्यान दिया कि भौगोलिक दृष्टि से भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य होने के नाते मध्य प्रदेश का अपना क्षेत्रफल तो है, लेकिन समय के साथ इसमें कुछ कठिनाइयां भी हैं।

हमारी सरकार ने प्रदेश के विकास और प्रशासनिक सुधार के लिए नए परिसीमन आयोग का गठन किया है। जिलों और संभागों का पुनः परीक्षण कर, हम आपकी भलाई के लिए बेहतर व्यवस्थाओं की नींव रख रहे हैं। हमारा प्रयास है कि प्रदेश का हर कोना प्रगति की ओर बढ़े।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिले तो बढ़ गए, लेकिन जिलों की सीमाओं को लेकर कई विसंगतियां हैं। सागर, इंदौर, धार ऐसे जिले हैं, जिनमें बड़ी कठिनाइयां हैं।

कई टोले, मजरे और पंचायतों के लोगों को जिला, संभाग, तहसील, विकासखंड जैसे मुख्यालयों तक पहुंचने के लिए 100 से 150 किमी का चक्कर लगाना पड़ रहा है, जबकि ऐसे क्षेत्रों से दूसरे जिले, संभाग, विकासखंड और तहसील मुख्यालय नजदीक हैं।

कई संभाग बड़े-छोटे हो गए हैं, कई संभाग बहुत छोटे हो गए हैं। इन्हें दूर करने के लिए परिसीमन आयोग बनाया है। इसके माध्यम से नजदीकी जिला मुख्यालय से जोड़कर जनता की बेहतरी के लिए जो अच्छा हो सकता है, वह करना है। आसपास के स्थानों को एक जिले से जोड़कर व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।

संभागों और जिलों का फिर से निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अपर मुख्य सचिव स्तर के रिटायर्ड अधिकारी मनोज श्रीवास्तव को आयोग के अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। सागर, उज्जैन, इंदौर, धार जैसे कई बड़े जिले हैं, जहां कई कठिनाइयां है। जैसे- बीना में रिफाइनरी बन गई, यह बड़ा स्थान हो गया। आने वाले समय में यहां युक्तिकरण के माध्यम से विचार किया

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार की सभी विसंगतियों को दूर करने के उद्देश्य से नया परिसीमन आयोग गठित कर जिलों व संभागों के पुनरीक्षण का दायित्व सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव को सौंपा गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जन-सामान्य से गांवों और जिलों की सीमाओं के पुनरीक्षण संबंधी सुझाव मनोज श्रीवास्तव को उपलब्ध कराने की अपील की।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश की बेहतरी और जन-सुविधा की दृष्टि से हर संभव कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

 


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