मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के प्रमुख प्रशासकीय कार्यालय सतपुड़ा भवन में 12 जून 2023 की शाम को हुई अग्नि दुर्घटना की जाँच के लिये गठित समिति ने 287 पृष्ठ की प्राथमिक रिपोर्ट राज्य शासन को सौंप दी है।
समिति ने प्राथमिक आंकलन में 24 करोड़ रूपये का नुकसान दर्ज किया है।
जाँच समिति ने सोमवार को विभिन्न बिन्दुओं के दृष्टिगत तैयार की गई प्राथमिक रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी। समिति ने प्रभावित 3 स्थल का निरीक्षण कर 32 बयान दर्ज किये।
रिपोर्ट में राज्य-स्तरीय फॉरेंसिक साइंस लेब सागर की जाँच रिपोर्ट, चीफ इलेक्ट्रिसिटी इंस्पेक्टर और उनके जाँच दल की तकनीकी रिपोर्ट, नुकसानी के आकलन के लिये बनी लोक निर्माण विभाग की 2 उप समितियों के प्रतिवेदन को शामिल किया गया है।
जाँच प्रतिवेदन में उल्लेखित है कि फॉरेंसिंक प्रयोगशाला सागर से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग के उप संचालक वीरेन्द्र सिंह के कमरे में लगा एल्यूमीनियम धातु से बना विद्युत तार तथा एमसीबी (मिनियेचर सर्किट ब्रेकर) के जल-अधजले भाग एवं कॉपर जैसी धातु के मल्टी स्ट्रेन्स विद्युत तार में उपस्थित विद्युत तारों में शॉर्ट सर्किट से उत्पन्न होने वाले आंतरिक ताप के प्रभाव विद्यमान हैं।
अत: तीसरी मंजिल पर आग लगने का संभावित कारण विद्युत शॉट सर्किट से होना प्रतीत होता है। राज्य प्रयोगशाला द्वारा थीन लेयर क्रोमेटोग्रॉफिक एवं गैस क्रोमेटोग्रॉफिक परीक्षण के बाद रिपोर्ट में
दुर्घटना स्थल से प्राप्त आठ सेम्पल की वस्तुओं में ज्वलनशील पेट्रोलियम हाइड्रो कार्बन (पेट्रोल, डीजल एवं केरोसिन) के अवशेष अनुपस्थित बताये गये हैं। यह सभी सेम्पल भविष्य में किसी भी जाँच के मद्देनजर सुरक्षित रखे गये हैं।
जाँच समिति ने निष्कर्ष में स्पष्ट किया है कि पश्चिमी विंग सतपुड़ा भवन में 12 जून को लगी आग वीरेन्द्र सिंह सहायक आयुक्त टीएडीपी के तीसरी मंजिल के कक्ष में शॉर्ट सर्किट से आरंभ हुई।
समिति ने अपने निष्कर्ष में कहा है कि जान-बूझकर अथवा शरारत के रूप में इस घटना को घटित करने में किसी भी व्यक्ति की संदिग्ध भूमिका परिलक्षित नहीं होती है।
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