राजस्थान में दलित पर एसपी ने किया पेशाब, विधायक ने चटवाए जूते, कोर्ट के आदेश के बाद मामला दर्ज

खास खबर            Aug 11, 2023


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

राजस्थान में मध्यप्रदेश के सीधी पेशाब कांड जैसा मामला सामने आया है। एक दलित ने आरोप लगाया है कि इलाके के एक पुलिस अधिकारी ने उनके चेहरे पर पेशाब किया और स्थानीय विधायक ने खुद शान बरकरार रखने के लिए उससे अपने जूते चटवाए।

इस मामले में लापरवाही और मनमानी की हद यह हुई कि पीड़ित की एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो उसे कोर्ट की शरण लेनी पड़ी तब जाकर संबंधित आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है।

पीड़ित ने जैसे-तैसे अपनी जान बचाई। पुलिस के बड़े अधिकारियों ने भी उसकी मदद नहीं की। आखिर में कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज किया गया है। हालांकि विधायक ने मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए आरोपों को खारिज किया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार दरअसल, जयपुर के जमवारामगढ़ में रहने वाले 51 साल के शख्स ने आरोप लगाया था कि करीब डेढ़ माह पहले (30 जून) को वह अपने खेत पर काम कर रहा था. तभी कुछ पुलिसकर्मी उसको और उसके परिवार को पीटते हुए एक कमरे में ले गए. जहां डीएसपी शिव कुमार भारद्वाज ने पहले उसे जमकर लात घूंसे से पीटा और फिर उसके ऊपर पेशाब कर दिया.

प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला जमबारामगढ़ इलाके का है, यहां के टोडालडी आंधी में एक जमीन का टुकड़ा है, जिसकी रखवाली पीड़ित और उसकी पत्नी करते हैं।

आरोप है कि 30 को वह पत्नी के साथ खेत पर काम कर रहा था। इसी दौरान कुछ पुलिस वाले आए उसे जबरन उठाकर ले गए। पीड़ित का कहना है पुलिस वाले उसे जमवारामगढ़ से कांग्रेस विधायक गोपाल मीणा के बंगले पर ले गए।

पीड़ित ने बताया कि पुलिस वालों ने वहां उसे एक कमरे में बंद कर दिया। पीड़ित के अनुसार, थोड़ी देर बाद कमरे में पुलिस के डिप्टी शिव कुमार भारद्वाज पहुंचे। उन्होंने गाली गलौज करते हुए जमकर मारपीट की।

अपनी शिकायत में पीड़ित ने कहा है कि डिप्टी ने इस दौरान उसके चेहरे पर पेशाब किया। इसके बाद पुलिस वाले उसे बंगले के हॉल में ले गए। वहां कांग्रेस विधायक गोपाल मीणा बैठे हुए थे। विधायक को देखकर पीड़ित ने खुद को छोड़ने की गुहार लगाई।

पीड़ित का आरोप है, विधायक ने उसे छोड़ने के लिए शर्त रखी कि पहले अपनी जीभ से मेरे जूते साफ कर तब जाने देंगे। अपनी जान छुड़ाने के लिए पीड़ित ने विधायक के जूते चाटे, इसके बाद पीड़ित को जाने दिया गया। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस के अधिकारियों से मामले की शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

इसके बाद पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने विधायक समेत चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है। मामला विधायक से जुड़ा होने के कारण जांच में सीबीसीआईडी को भी लगाया गया है। हालांकि विधायक गोपाल मीणा ने आरोपों को खारिज किया है।

 



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