मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। मंत्रि-परिषद ने वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप वन प्रबंधन में समुदायों की भूमिका को सशक्त करने के लिए मध्यप्रदेश शासन के नवीन संकल्प, 2021 का अनुमोदन (अक्टूबर 2021 में किया है) अनुरूप वनों के संरक्षण एवं विकास में जन-सहयोग प्राप्त हो सकेगा।
पिछले दो दशकों में नीतिगत, वैधानिक एवं कार्यकारी वातावरण में आये परिवर्तनों को समाहित कर पुनरीक्षित संकल्प, 2021 का अनुमोदन किया गया है। इस पुनरीक्षित संकल्प के अनुसार तीन प्रकार की समितियों के स्थान पर अब एक समिति ही गठित की जायेगी, जिसे सामुदायिक वन प्रबंधन समिति कहा जायेगा।
प्रत्येक वन समिति के सदस्यों में से एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। ग्राम पंचायत का सरपंच कार्यकारणी का पदेन सदस्य होगा। कार्यकारणी के अध्यक्ष के पद पर पुरुष का चयन होने पर उपाध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित रहेगा।
समिति के गठन एवं संचालन में सामुदायिक सशक्तिकरण तथा संस्थागत जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कार्यकारिणी को गठित करने एवं समुदाय की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य न करने पर पुनर्गठित करने का अधिकार ग्राम सभा को सौंपा गया है। समितियों के लेखाओं का ऑडिट करने का प्रावधान किया गया है।
इसी प्रकार से पूर्व में जिला स्तर पर मुख्य पातन से प्राप्त काष्ठ के बिक्री मूल्य से समस्त व्यय घटाकर प्राप्त शुद्ध लाभ की 20 प्रतिशत राशि समितियों को देने के प्रावधान के स्थान पर समिति के क्षेत्र से प्राप्त राजस्व में से 20 प्रतिशत अंश समिति को देने का प्रावधान किया गया है। राजस्व में हिस्सा देने से प्रदेश की समस्त अच्छा कार्य करने वाली सभी समितियों को लाभांश प्राप्त हो सकेगा। वन आश्रित समुदाय को दैनिक जरूरत की जलाऊ, बाँस एवं बल्ली वैधानिक रूप से प्राप्त हो सकेगी, जिससे वन प्रबंधन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के क्षेत्रों में निर्णय लेने का अधिकार निगम के संचालक मंडल को सौंपा गया है।
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