मल्हार मीडिया भोपाल।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अमृत भारत रेलवे स्टेशनों योजना अंतर्गत मध्यप्रदेश के विदिशा सहित देश के 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्निमाण कार्य के शिलान्यास कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधन दे रहे थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि इस योजना में भारत के सभी राज्य लाभान्वित होंगे। मध्यप्रदेश में 1000 करोड़ रूपये की लागत से 34 रेलवे स्टेशनों का विकास और पुनर्निमाण किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में 4500 करोड़ रूपये की लागत से 55 रेलवे स्टेशनों का और महाराष्ट्र में 1500 करोड़ रूपये की लागत से 44 रेलवे स्टेशनों का विकास होगा। राजस्थान में 55 रेलवे स्टेशनों काविकास होगा। तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और उत्तर पूर्व के राज्यों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि गत 9 वर्षों में भारतीय रेलवे के नेटवर्क में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। इस दौरान भारत में साउथ अफ्रीका, यूक्रेन, पॉलेंड, यूके, स्वीडन में जितना रेलवे नेटवर्क है, उससे अधिक नेटवर्क बिछाया गया। भारत में आधुनिक ट्रेन संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। आज भारतीय रेल विकास का प्रतीक बन गई है। भारत ने विश्व की चुनौतियों का स्थाई हल निकाला है। दुनिया भर में भारत की साख बढ़ी है। दुनिया का भारत के प्रति रवैया बदला है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि रेल में हर नागरिक के लिये सुलभ और सुखद यात्रा के साथ ही उसे रेलवे स्टेशन पर अच्छा अनुभव मिले, इसके लिये सभी प्रयास किये जा रहे हैं। हर रेलवे स्टेशन पर अच्छी बैठक व्यवस्था, वेटिंग रूम, मुफ्त वाईफाई आदि सुविधाएँ दिलाई जा रही हैं। भारतीय रेल, भारत की लाइफलाइन के साथ ही अब हमारे शहरों की पहचान भी बन रही है। रेलवे स्टेशन अब 'हार्ट ऑफ दि सिटी' बन रहे हैं। रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण से विकास को लेकर नया माहौल बनेगा, पर्यटन बढ़ेगा और आर्थिक गतिविधियाँ तेज होंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 'वन स्टेशन वन प्रोडक्ट' योजना से हमारे रेलवे स्टेशन अब शहर और राज्यों की पहचान बन रहे हैं। स्टेशनों पर स्थानीय विरासत और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। यह आधुनिक आकांक्षाओं को पूरा करने के साथ ही ऐतिहासिक विरासत के प्रतीक भी बन रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय रेल में विकास को रफ्तार देने की अपार संभावनाएँ हैं। यह विकास को नये अवसर दे रही है और युवा विकास को नये पंख लगा रहे हैं। गत दिनों डेढ़ लाख युवकों को रेलवे ने पक्की नौकरी दी। भारतीय रेल का आज ढाई लाख करोड़ से अधिक का बजट हो गया है, जो वर्ष 2014 की तुलना में 5 गुना अधिक है। लोकोमोटिव के उत्पादन में 9 गुना वृद्धि हुई है और 13 गुना अधिक एचसीपी कोच बन रहे हैं। नॉर्थ-ईस्ट में रेलवे का विस्तार हो रहा है और शीघ्र की वहाँ की सारी राजधानियाँ इससे जुड़ जाएगी। माल-गाड़ियों के लिये 'डेडिकेटेड कॉरिडोर' बना है। माल वाहन में कम समय लगने से किसानों को सर्वाधिक फायदा हो रहा है। तेज यातायात से विश्व बाजार में हमारे उत्पाद तेजी से बिक रहे हैं। वर्ष 2014 से पहले भोपाल में रेलवे ब्रिज 6000 से भी कम थे, आज 10000 से ज्यादा हैं।
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