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दो दिन में 8 नए जिले लंपी की चपेट में, सीएम शिवराज ने की आपात बैठक

मध्यप्रदेश            Sep 21, 2022


 मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश में प्रदेश के 26 जिलों में 7686 गोवंशी पशु हुए संक्रमित।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लंपी से बचाव के इंतजामों को लेकर की अधिकारियों संग की बैठक।

पशुओं का आवागमन नहीं रुकने की वजह से तेजी से बढ़ रहा संक्रमण!

तेजी सै फैल रही लंपी, दो दिन में आठ नए जिले आए चपेट में, सीएम शिवराज ने की आपात बैठक

गोवंशी पशुओं में होने वाली लंपी बीमारी प्रदेश में तेजी से फैल रही है।

अब प्रदेश के 26 जिलों में इसका संक्रमण है।

दो दिन के भीतर आठ नए जिले इस बीमारी की चपेट में आए हैं।

 प्रभावित जिलों में अभी तक 7686 मामले सामने आए हैं।

101 पशुओं की मौत हुई है। 5432 स्वस्थ हो चुके हैं।

बीमारी तेजी से बढ़ने की वजह यह है कि प्रभावित जिलों से दूसरे जिलों में पशुओं का आवागमन नहीं रुक रहा है।

मवेशियों को अलग रखने (आइसोलेट) में लापरवाही हो रही है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार सुबह मंत्रालय में पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर रोकथाम के इंतजामों की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब 26 जिलों में बीमारी पहुंच चुकी है, इसलिए बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। दूसरे राज्यों में जिस तरह से संक्रमण बढ़ा है।

पशु मर रहे हैं वैसा हाल अपने यहां नहीं बनना चाहिए। गंभीर चिंता की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोई भी जानकारी छिपाएं नहीं।

पशुपालकों को जागरूक करें। बचाव के उपायों की जानकारी पशुपालकों को देने के निर्देश उन्होंने दिए हैं।

संक्रमित पशुओं के आवागमन पर सख्ती से रोक लगाने के लिए भी कहा है।

बता दें कि प्रदेश में इसका पहला मामला अगस्त के पहले सप्ताह में रतलाम में सामने आया था।

अगस्त में सात जिलों में ही यह बीमारी फैली थी, जबकि इस महीने 19 जिलों में बीमारी फैल चुकी है।

बचाव के लिए यह करें

संक्रमित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखें।

कीटनाशकों से माध्यम से पशुओं के कीट, किलनी, मक्खी और मच्छरों को नष्ट करें

संक्रमित क्षेत्र से अन्य क्षेत्र में पशुओं का आवागमन रोकें।

पशुओं के बाजार, मेले और क्रय-विक्रय रोकें।

यह हैं लक्षण

पशु को हल्का बुखार, मुंह से अत्यधिक लार आना। आंख एवं नाक से पानी बहना। पैरों में सूजन, दूध उत्पादन कम होना। शरीर में दो से पांच सेंटीमीटर तक की गठानें।

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने ट्वीट कर कहा है कि प्रदेश सरकार कई दिनों से चीता इवेंट में लगी रही।

प्रदेश में गायों की सुध नहीं लगी। समय रहते लंपी बीमारी को रोकने के लिए कदम नहीं उठाए गए। कई जिलों में गायें तड़प कर मर रही हैं।

सड़क दुर्घटना में भी गायें मर रही हैं, लेकिन प्रदेश सरकार को सुध नहीं है।

 



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