मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर प्रदेश के 75 विधानसभा क्षेत्रों में बेसलाइन होगा। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाताओं को निर्वाचन प्रक्रिया के बारे में जागरूक करना है।
वर्ष 2018 के आम निर्वाचन में जिन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत कम रहा है, उन विधानसभा क्षेत्रों में बेसलाइन सर्वे का कार्य होगा।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि प्रदेश के 75 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले बेसलाइन सर्वे में प्रत्येक जिले की एक विधानसभा क्षेत्र का चयन किया गया है, जिसमें मतदान का प्रतिशत उस जिले में विधानसभा 2018 के निर्वाचन में सबसे कम था। ऐसे 23 विधानसभा क्षेत्रों का भी चयन किया गया है, जिसमें पूरे प्रदेश में मतदान का प्रतिशत सबसे कम रहा।
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 20 ऐसे मतदान केंद्रों का भी चयन किया गया है, जहाँ पर बीते विधानसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत सबसे कम रहा है। सर्वे के दौरान पूछे गए सवालों का 18 से 60 वर्ष तक की आयु के मतदाताओं से जबाव लिया जाएगा। सर्वे में विभिन्न आयु वर्ग के 50 प्रतिशत महिला और 50 प्रतिशत पुरूष मतदाता होंगे। इसमें दिव्यांग और थर्ड जेंडर मतदाताओं को भी शामिल किया गया है।
मतदाताओं से निर्वाचन प्रक्रिया से संबंधित पूछे जाएंगे प्रश्न
सर्वे के दौरान मतदाताओं से निर्वाचन प्रक्रिया से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्नों में राज्य, जिला, विधानसभा क्षेत्र का नाम और संख्या, मतदान केंद्र का नाम, शहरी या ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी के साथ ही मतदाता पंजीकरण, ज्ञान, दृष्टिकोण, व्यवहार, विश्वास, अभ्यास, मतदाता जागरूकता, स्वीप गतिविधियाँ, मतदाता की पृष्ठभूमि संबंधी सहित निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े कई प्रश्न होंगे।
जिला निवार्चन अधिकारी करेंगे समीक्षा
सर्वे कार्य का जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी व निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा क्षेत्र में भ्रमण कर लगातार निरीक्षण किया जाएगा। साथ ही सर्वे कार्य की समीक्षा भी की जाएगी।
2 मई से शुरू होगा सर्वे कार्य
श्री राजन ने बताया कि सर्वे का कार्य 2 मई से 10 मई 2023 तक चलेगा। सर्वे से संबंधित दस्तावेज संबंधित ईआरओ, आरओ, एसडीएम, तहसीलदार के पास 11 मई को जमा किए जाएंगे। जिला स्तर पर संकलित रिपोर्ट मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय भोपाल 22 मई तक भेजी जाएगी।
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