मल्हार मीडिया ब्यूरो इंदौर।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इंदौर में हो रही यह समिट सही अर्थ में वैश्विक है। इस समिट में जहाँ दो देश सूरीनाम और गुयाना के राष्ट्रपति आये हैं, वही समिट में मारीशस के वित्त मंत्री, बांग्लादेश के वाणिज्य मंत्री, जिंबॉब्वे के खनिज मंत्री भी आए हैं।
विश्व के 33 देश के प्रतिनिधि आए हैं। कुल 84 देश के 431 डेलिगेट्स आए हैं। आज मध्यप्रदेश की विशेषताओं की विशेष चर्चा हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में उद्योगों के लिए तैयार वातावरण से उद्योगपति परिचित हुए हैं।
श्री चौहान ने कहा कि एक समय मध्यप्रदेश बीमारू राज्य था। जब इंदौर के सुपर कॉरीडोर और सड़कों की चर्चा होती थी तो मैं अमेरिका से तुलना करता था।
आज विश्व के अनेक देशों के प्रतिनिधि स्वच्छता सहित बुनियादी क्षेत्रों में हुए कार्य को देख रहे हैं। हरियाली और पर्यावरण-संरक्षण के लिये निरंतर कार्य हो रहा है। अब गेहूँ सहित मध्यप्रदेश के अन्य उत्पाद निर्यात हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2026 तक 5 ट्रिलियन डालर की अर्थ-व्यवस्था बनाने की बात कही है। इसमें मध्यप्रदेश का योगदान 550 बिलियन डालर से कम नहीं होगा।
प्रदेश में 300 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र हैं। अनेक फूड पार्क, प्लास्टिक पार्क हैं और अब मेडिकल डिवाइसेस पार्क भी विकसित हो रहे हैं।
निवेशक खुद यह मानने लगे हैं कि मध्यप्रदेश निवेश की दृष्टि से अनुकूल है। फार्मा सेक्टर बधाई का पात्र है, जिसने कोविड के संकट के समय निरंतर कार्य कर लोगों के हित में भूमिका निभाई।
प्रदेश में ऑटोमोबाइल क्षेत्र, कौशल विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, रक्षा क्षेत्र, नवकरणीय ऊर्जा में लगातार कार्य किया गया है।
रेडीमेड उद्योग में मध्यप्रदेश चौथे स्थान पर है, शीघ्र ही पहले स्थान पर आने का लक्ष्य है। हमारी बहने और बेटियाँ परिश्रमी हैं। वे तीन शिफ्ट में भी कार्य करती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब ओंकारेश्वर में बांधों की जलराशि की सतह पर तैरते हुए ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का कार्य प्रारंभ हुआ है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार कस्टमाइज पैकेज देने का कार्य भी राज्य सरकार करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे मध्यप्रदेश के सीईओ के रूप में सदैव उपलब्ध हैं। प्रति सोमवार उद्योगपतियों से भेंट के लिये समय तय किया गया है।
उनहोंने कहा कि मध्यप्रदेश देश का सबसे स्वच्छ राज्य है और इंदौर देश का स्वच्छतम शहर है। आज प्रदेश विकास की तरफ तेजी से बढ़ा है।
प्रदेश की विकास दर देश में सर्वाधिक है. हम तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। भारत की जीडीपी में मध्यप्रदेश का विशेष स्थान है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय एक लाख 37 हजार हो गई है, लेकिन हमें चैन नहीं है इसलिए मध्यप्रदेश में निरंतर कार्य हो रहा है। प्रदेश को और आगे ले जाना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जमीन की माँग 24 घंटे में पूरी करेंगे। प्रदेश में जमीन की पर्याप्त उपलब्धता है। इसे प्राथमिकता से औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिये प्रदान करने का कार्य किया जायेगा। मध्यप्रदेश में उद्योगों के लिए बनाये गये लैंड बैंक में लगभग 2 लाख एकड़ भूमि की उपलब्धता है। प्रदेश में अनेक खनिज हैं। जहाँ तक ऊर्जा उत्पादन की बात है 25 हजार मेगावाट से अधिक बिजली का उत्पादन हो रहा है। दिल्ली की मेट्रो रेल भी मध्यप्रदेश की बिजली के सहयोग से चलती है। पानी की कमी नहीं है। औद्योगिक शांति है। प्रदेश से दस्युओं का आतंक समाप्त किया गया है। सुशासन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है। ब्यूरोक्रेसी सहयोगी है। उद्योग लगाने जो भी आयेंगे उन्हें मंत्रीगण भी सहयोग करेंगे। मध्यप्रदेश में 11 जलवायु क्षेत्र हैं। प्रदेश देश की खाद्य राजधानी के रूप में उभरा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश में अनेक संभावनाओं को हम देख रहे हैं। फिर चाहे वाइल्ड लाइफ टूरिज्म, हैरिटेज टूरिज्म हो या धार्मिक पर्यटन हो। मध्यप्रदेश के अनेक पर्यटन-स्थलों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कूनों पालपुर में चीतों को बसाने का कार्य सफल हुआ है। फरवरी माह से पर्यटक इन्हें देख सकेंगे। मध्यप्रदेश चीता राज्य बनने के पहले टाइगर, लेपर्ड और क्रोकोडाइल राज्य भी बन चुका है। उज्जैन में श्री महाकाल महालोक और शिव सृष्टि के दर्शन के लिये पर्यटकों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। समिट में आये अतिथि उज्जैन का भ्रमण अवश्य करें।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिका से समिट में वर्चुअली जुड़ते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विकास के लिए अर्थ-व्यवस्था की गति को तेज करने का कार्य किया है। मध्यप्रदेश में औद्योगीकीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है।
गत साढ़े 8 वर्ष विकास के रहे हैं। आज हमारे पास सरप्लस पावर है। एक राष्ट्र एक ग्रिड के साथ ही वन-नेशन-वन ला और वन नेशन-वन टैक्स की व्यवस्था की पहल हुई है। मुझे आशा है मध्यप्रदेश देश की अर्थ-व्यवस्था को गति प्रदान करेगा। श्री गोयल ने कहा कि मध्यप्रदेश ने इज ऑफ डूइंग और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किया है।
मध्यप्रदेश की केंद्रीय भौगोलिक स्थिति है। प्रदेश में देश का एक चौथाई ऑर्गेनिक कॉटन होता है। नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में मध्यप्रदेश का योगदान 20% है। अब ग्रीन हाइड्रोजन मिशन में भी कार्य हो रहा है।
Comments