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ग्राम पंचायतों कों अधिकार संपन्न बनाकर ग्राम स्वराज की नई कल्पना की गई

मध्यप्रदेश            Dec 07, 2022


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में ग्राम पंचायतों को अधिकार संपन्न बना कर ग्राम स्वराज की नई कल्पना की गई है।

इस कल्पना को साकार किया जाएगा, पंचायतों के मार्गदर्शन के लिए राज्य सरकार सदैव सहयोगी रहेगी।

आज इस श्रंखला में पंचायतों को अधिक से अधिक शक्तियाँ प्रदान करते हुए प्रशासकीय कार्यों की मंजूरी के लिए ग्राम पंचायत की सीमा 15 लाख से बड़ा कर 25 लाख रूपये की जा रही है। जन-भागीदारी से विकास का नया उदाहरण प्रस्तुत करें।

ग्रामों को समरस, स्वच्छ और पर्यावरण हितैषी और आदर्श ग्राम बनाएँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि 15वें वित्त आयोग की 1472 करोड़ रूपये की राशि जारी कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि पंचायत पदाधिकारी यह प्रयास करें कि छोटे-मोटे झगड़े गाँव के अंदर ही निपट जाएँ और उसकी प्राथमिकी दर्ज न हो। ग्राम की समस्या ग्राम स्तर पर हल हो, यह अवधारणा क्रियान्वित करें।

मुख्यमंत्री आज भोपाल के जंबूरी मैदान में स्थानीय सतत विकास लक्ष्यों पर केंद्रित नव-निर्वाचित सरपंचों के राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण प्रशिक्षण सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने पंचायत पदाधिकारियों से कहा कि आप और मैं समान हैं। मैं एक बड़ी पंचायत का सरपंच हूँ और आप छोटी पंचायत के सरपंच है।

लोकतंत्र में चुनी हुई व्यवस्था ही सबसे ऊपर होती है। त्रि-स्तरीय पंचायत राज व्यवस्था में अधिकारों और कर्त्तव्यों का सामंजस्य आवश्यक है।

पंचायत पदाधिकारी संवाद, समन्वय और संपर्क का उपयोग कर बेहतर कार्य करें। किसी के प्रति कटुता का भाव न हो।

मुख्यमंत्री कहा कि मध्यप्रदेश, पश्चिम क्षेत्र के शहरी क्षेत्र में स्वच्छता में नंबर वन हैं। हम अपनी पंचायतों को भी स्वच्छ ग्राम पंचायत बनाने का प्रयास करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायत में ऐसा स्थान निर्धारित करें जहाँ अपनी जन्म वर्षगाँठ और अन्य शुभ अवसर पर पौधे लगाएँ।

मुख्यमंत्री कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन पर नजर रखें। आवास निर्माण का कार्य बिना लेन-देन के हो। राज्य सरकार भ्रष्ट व्यक्तियों को क्षमा नहीं करेगी, लेकिन पंचायत पदाधिकारी आवासों के निर्माण गुणवत्तापूर्ण बने, इस दिशा में सहयोग प्रदान करें।

शिक्षा के महत्व का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम का हर बच्चा स्कूल जाए, यह भी देखना है।

यूनिफॉर्म, मध्यान्ह भोजन, शिक्षण शुल्क की व्यवस्थाएँ राज्य सरकार कर रही है। जो बच्चे पढ़ने में तेज हैं, चाहे वे किसी भी समाज या जाति के हों उन्हें कक्षा 12वीं में 75% अंक लाने पर लेपटॉप की सुविधा दी जा रही है।

मेडिकल, इंजीनियरिंग, आईआईटी, आईआईएम में प्रवेश हो या लॉ कॉलेज में, विद्यार्थी की फीस शासन द्वारा वहन की जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री जन सेवा शिविर के माध्यम से अनेक वास्तविक और पात्र हितग्राही सामने आए। प्रदेश में 83 लाख लोगों के नाम विभिन्न योजनाओं में जोड़े गये हैं। आयुष्मान कार्ड के लिए भी बड़ी संख्या में आवेदन आए हैं। इस योजना में प्रति वर्ष 5 लाख रूपये तक का नि:शुल्क उपचार निजी अस्पतालों में देने का प्रावधान है। गंभीर रोग से प्रभावित लोगों के लिए मुख्यमंत्री कोष से उपचार सुविधा देने का कार्य भी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आवश्यक है कि हमारे परिवार और समाज में बेटियों के आगमन पर उनका स्वागत हो। सभी कार्यक्रम में मेरे द्वारा यह संदेश दिया जाता है कि बेटी बोझ नहीं वरदान है। बेटियों के प्रति आदर का भाव हो।

हम अपने ग्राम में बेटियों को सम्मान दें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्रामों का मास्टर प्लान बनाएं। अब ग्राम सभा के पदाधिकारी ग्रामों के कार्य का निर्धारण करेंगे। बिना योजना के कार्य न हो। कांक्रीट की सड़क हो या खेल का मैदान, एक मास्टर प्लान बना कर, स्थानीय स्तर पर कार्यों को पूर्ण किया जाए।

  • सरपंचों का मानदेय 1750 रूपये से बढ़ा कर 4250 रुपये प्रतिमाह होगा।
  • नया एसओआर (निर्माण कार्य में लगने वाली सामग्री की दर सूची) बनेगा। शीघ्र ही यह सूचीजारी की जाएगी।
  • पंचायतों के सचिवों के रिक्त पदों की पूर्ति की जाएगी।
  • ग्राम पंचायत को प्रशासकीय स्वीकृति के अधिकार रूपये 15 लाख से बढ़ा कर 25 लाख रूपयेकिये जायेंगे।
  • प्रत्येक ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक की नियुक्ति की जाएगी।
  • रोजगार सहायक को एक पंचायत से दूसरी पंचायत में स्थानांतरित किया जा सकेगा।
  • जनता की भागीदारी होगी तो सफलता मिलेगी।
  • लोगों तक उनके अधिकार पहुँचाएँ।
  • पंचायत पदाधिकारी बिना अध्ययन के हस्ताक्षर न करें।
  • प्रधानमंत्री श्री मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के संकल्प अनुरूप कार्य करें।
  • सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। पंचायत पदाधिकारी तन्मयता से कार्य करें।
  • ग्राम सभा की बैठकें नियमित रूप से हों।
  • पंचायत पदाधिकारी जन-अपेक्षाओं पर गंभीर और संयमित रहें। किसी भी स्थिति में क्रोधित न हों।
  • पंचायत पदाधिकारी दिन और सप्ताह की समय-सारणी बना कर कार्य करें।
  • पंचायत पदाधिकारियों का विकासखंड स्तर पर प्रशिक्षण आवश्यक है।
  • आम जनता को उनके हक प्रदान करने में सहयोगी बनना है।
  • ग्रामीणों को उनके अधिकारों से वंचित न रखें।
  • मेरी आँख और कान बन कर समय-समय पर महत्वपूर्ण तथ्य से अवगत भी करवाएँ।
  • व्यवस्था में सुधार के लिए जरूरी सुझाव भी जरूर दें।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने कहा कि भारत विश्व का पहला देश है जहाँ पंचायत राज है। मुख्यमंत्री पंचायतों को ताकत देना चाहते हैं।

पंचायतों के माध्यम से विकास के कार्य हों, इसके लिए जिम्मेदारियाँ दी गई हैं। हमारी बहनें शान से पंचायतों में पदाधिकारी के रूप में आसीन हैं।

पंचायतों में महिलाओं के लिए आधे स्थानों पर आरक्षण के फलस्वरूप वे पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर कार्य कर रही हैं।



 



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