मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने आज शुक्रवार 16 अगस्त को कहा कि वीर सावरकर के योगदान का अध्ययन किया जाना चाहिए और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास को उसके उचित संदर्भ में जनता के सामने पेश किया जाना चाहिए।
मंत्री ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा कि देश के लिए जिन लोगों ने कुर्बानी दी है, उनका इतिहास भी पढ़ाना चाहिए।
मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का सभी विषयों में समावेश करने का हम प्रयास कर रहे हैं।
भारतीय ज्ञान परंपरा को लेकर बहुत से लोगों को कंफ्यूजन था। हम सेमिनार के माध्यम से उन कंफ्यूजन को दूर करने का काम कर रहे हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि, इसलिए कमेटी के माध्यम से हमने तय किया है कि, हमारे महाविद्यालय में किताबों का भंडार हो। हमारी ज्ञान परंपरा के बारे में अच्छा लिखने वाले लेखकों की किताबों का भंडार हो।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि, भगवान राम लक्ष्मण के साथ ही अन्य हमारे धर्म को लेकर जो भ्रांतियां है, जो गलत बाते किताबें में लिखी है उसे दूर करने का हम काम कर रहे हैं।
भारतीय ज्ञान परंपरा किसी विचारधारा का एजेंडा नहीं है। ज्ञान और परंपराओं के आधार पर जो स्थापित किया गया है उसे ही हम आगे बढ़ा रहे हैं।
इंदर सिंह परमार ने कहा कि, बहुत सी खोज भारत के द्वारा पहले की गई थी। लेकिन, उसके तथ्यत्मक प्रमाण नहीं थे। लेकिन, इसका समावेश अब हमने नई शिक्षा नीति में किया है। संघ के लेखक भी अच्छा रिसर्च करते हैं।
अच्छा लिखते हैं, अच्छा बोलते हैं। आज जो भ्रम है उसे दूर करने का हम काम कर रहे हैं। हम विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए लेखकों को पढ़ने के लिए मटेरियल उपलब्ध करवा रहे हैं।
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