मल्हार मीडिया भोपाल।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में 21 एवं 22 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन "पूर्व लोकमंथन" का आयोजन होने जा रहा है । "वाचिक परंपरा में प्रचलित हर्बल उपचार प्रणालियां: संरक्षण, संवर्धन और कार्य योजना" विषय पर इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद्, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, प्रज्ञा प्रवाह, एंथोपोस इंडिया फाउंडेशन, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय एवं दंत्तोपंथ ठेंगड़ी शोध संस्थान, भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में यह दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होगा।
आईजीआरएमएस के निदेशक प्रो. डॉ. अमिताभ पांडे, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश, एआईएफ अध्यक्ष व कांफ्रेस संयोजक जेएनयू नई दिल्ली की एसो. प्रोफेसर डॉ. सुनीता रेड्डी आयोजन समिति के पदाधिकारी व प्रज्ञा प्रवाह से श्री लाजपत आहूजा एवं श्री धीरेन्द्र चतुर्वेदी, एमसीयू डीन (अकादमिक) प्रो.डॉ. पी. शशिकला ने इस संबंध में पत्रकारों को जानकारी दी ।
कांफ्रेस संयोजक डॉ. सुनीता रेड्डी ने बताया कि सम्मेलन में पद्मश्री यानिंग जमोह लेगो (अरुणाचल प्रदेश), विशेष रुप से सम्मेलन में आ रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हर्बल उपचार,गैर संहिताबद्ध हर्बल उपचार, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता, पौधारोपण,स्वास्थ्य संचार आदि विषयों पर शिक्षकों, शोधार्थियों द्वारा शोधपत्र एवं अकादमिक पोस्टर भी प्रस्तुत किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पूर्ण शोध पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 20 सितंबर है।
एमसीयू के कुलगुरु प्रो. डॉ. के. जी. सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय की भूमिका जनसंचार के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इस सम्मेलन को पहुंचाना है एवं चिकित्सा पद्धति के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना है।
पत्रकार वार्ता को डॉ. सुनीता रेड्डी, श्री लाजपत आहूजा, श्री धीरेन्द्र चतुर्वेदी, प्रो.पी. शशिकला ने भी संबोधित किया
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