मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के विधायक मसूद ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि पुलिस गृह विभाग द्वारा जारी आदेश का हवाला देकर भ्रम फैलाया रही है कि लाउड स्पीकर पर पूर्ण प्रतिबंध है। ऐसे में सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित करें, जिससे किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति उत्पन्न न हो।
चुनावी शोर खत्म होते ही प्रदेश में एक बार फिर ध्वनि विस्तारक प्रतिबंध की आवाज तेज हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने समीक्षा बैठक में इस बात पर फिर जोर दिया है। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर कहा है कि इस मामले में पुलिस प्रशासन द्वारा भ्रम की स्थिति बनाई जा रही है। उन्होंने अदालत के आदेश का पालन कराने का निवेदन किया है।
विधायक मसूद ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि आपके द्वारा 24 मई को कानून व्यवस्था की बैठक कर लाउडस्पीकर, डीजे पर नियंत्रण अभियान पुनः चलाए जाने संबंधी मौखिक निर्देश दिए गए हैं।
इन निर्देशों का पालन करने के लिए पुलिस ग्रामीण अंचलों में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकरों को बलपूर्वक हटाने का काम कर रही है। जबकि, फरवरी 2024 विधानसभा सत्र में उनके द्वारा ध्वनि विस्तारक यंत्रों का नियम विरूद्ध प्रयोग विषयक प्रश्न क्र.196 लगाया गया था।
जिसके उत्तर में सीएम द्वारा सदन को बताया गया था कि प्रशासन द्वारा समस्त संबंधित धर्मगुरूओं से संवाद और समन्वय के आधार पर लाउड स्पीकरों को हटवाए जाने पर प्रेरित किया गया है और स्वप्रेरणा से भी लाउडस्पीकरों को उतारा गया है। निर्धारित ध्वनि सीमा (डेसिबल) का उल्लंघन करने वाले समस्त ध्वनि विस्तारक यंत्रों के संबंध में नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस फैला रही भ्रम
विधायक मसूद ने सीएम को लिखे पत्र में कहा कि पुलिस गृह विभाग द्वारा जारी आदेश दिनांक 13 दिसंबर 2023 का हवाला देकर भ्रम फैलाया रही है कि लाउड स्पीकर पर पूर्ण प्रतिबंध है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा न्याय दृष्टांत रिट पिटीशन क्रमांक 72-98 In Re: Noise Pollution में पारित दिनांक 18 जुलाई 2005 में ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउड स्पीकर/डीजे/सम्बोधन प्रणाली) को नियंत्रण करने और आदेश का पालन करने के लिए सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित करें, जिससे किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति उत्पन्न न हो।
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